ओमान और जार्डन ने भी इजराइल को कसूरवार माना रियाद,(ईएमएस)। इजरायल ने ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर हमले कर बड़ी चोट पहुंचा दी है। ऑपरेशन राइजिंग लायन के तहत किए गए हमलों में ईरान का नतांज परमाणु साइट तबाह हो गया है और उसके सैन्य कमांडर मारे गए हैं। बताया जा रहा हैं कि ईरान परमाणु बम बनाने के लिए साइट पर यूरेनियम संवर्धन कर रहा था। इजरायली हमलों से ईरान में हुई बड़ी तबाही पर मध्य-पूर्व के कई देशों की प्रतिक्रिया सामने आई है। सऊदी अरब ने हमले की निंदा करते हुए ईरान को अपना भाई बताया है। सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने इजरायल के हमले की निंदा कहा, सऊदी अरब, अपने भाई जैसे देश इस्लामिक गणतंत्र ईरान के खिलाफ इजरायल के जबरदस्त आक्रमण की कड़ी निंदा करता है। यह हमला ईरान की संप्रभुता और सुरक्षा को कमजोर करता है और यह अंतरराष्ट्रीय कानूनों और मानदंडों का खुला उल्लंघन है। सऊदी अरब और ईरान के बीच सालों चली दुश्मनी के बाद मार्च 2023 में चीन की मध्यस्थता से शांति समझौता हुआ था। समझौते के बाद से दोनों देशों के रिश्तों में नरमी आई है और ईरान पर इजरायली हमले की निंदा उसी दिशा में एक कदम है। वहीं मध्य-पूर्व के एक और देश ओमान ने भी ईरान पर इजरायली हमले की कड़ी निंदा की है। ओमान की ओर से कहा गया, ओमान सल्तनत इस्लामी गणतंत्र ईरान के खिलाफ इजरायल के जघन्य सैन्य आक्रमण की निंदा करता है जिसमें उसके साइट्स को निशाना बनाया गया और नागरिकों की हत्या कर दी गई। ओमान की ओर से कहा गया, इस तरह के हमलों से कूटनीतिक रास्ते के बंद होने और क्षेत्रीय सुरक्षा, स्थिरता को नुकसान पहुंचने का खतरा है। ईरान पर इजरायली हमले को लेकर जॉर्डन ने भी कई बयान जारी किए हैं। जॉर्डन सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि जॉर्डन अपने हवाई क्षेत्र के किसी भी उल्लंघन की अनुमति नहीं देगा और किसी भी संघर्ष के लिए युद्धक्षेत्र के रूप में काम नहीं करेगा। यह बात उन्होंने इसलिए कही क्योंकि माना जा रहा है कि इजरायल के हमले के बाद ईरान जवाबी हमला कर सकता है और जॉर्डन इजरायल के साथ सीमा साझा करता है। जॉर्डन के सरकारी संचार मंत्री मोहम्मद अल-मोमानी ने कहा कि जॉर्डन की सुरक्षा एक रेड लाइन है और उसके नागरिकों की सुरक्षा के लिए किसी भी प्रकार के खतरे को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आशीष दुबे / 13 जून 2025