मुंबई (ईएमएस)। बॉलीवुड की सबसे बड़ी समस्या झुंड मानसिकता पर फिल्ममेकर करण जौहर ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। करण का मानना है कि आजकल बहुत से फिल्म निर्माता किसी हिट फिल्म की सफलता को देखकर उसी तरह की फिल्में बनाने लगते हैं, लेकिन यह तरीका रचनात्मकता की कमी को दर्शाता है और अक्सर सफल नहीं होता। करण के मुताबिक, फिल्में तब हिट होती हैं जब वे अपनी कैटेगरी में कुछ नया और अलग पेश करती हैं, न कि इसलिए कि वे किसी ट्रेंड की नकल करती हैं। करण ने उदाहरण देते हुए कहा कि जब पुष्पा जैसी फिल्में छोटे शहरों के दर्शकों के बीच लोकप्रिय होती हैं, तो एक ही तरह की दर्जनों फिल्में बननी शुरू हो जाती हैं। जब ‘छावा’ जैसी कोई ऐतिहासिक फिल्म चलती है, तो सब उस दिशा में दौड़ पड़ते हैं। ‘स्त्री’ जैसी हॉरर-कॉमेडी हिट होती है, तो हर कोई वैसी फिल्म बनाने लगता है। लेकिन इन फिल्मों की सफलता इसलिए थी क्योंकि उस वक्त वे नई थीं और अपने विचारों में अलग। करण के अनुसार, किसी भी फिल्म की मूल सफलता उसका विचार होता है, न कि उसका चलन। करण ने यह भी स्पष्ट किया कि वह फिल्मों में ‘यूनिवर्स’ बनाने की दौड़ का हिस्सा नहीं बनना चाहते। उन्होंने कहा, “मुझसे किसी ने पूछा कि क्या आपकी कोई यूनिवर्स है, जैसे स्पाई यूनिवर्स या पुलिस यूनिवर्स? मैंने जवाब दिया, ‘मेरा यूनिवर्स तो खुद सिनेमा है।’ मैं कहानियां सुनाने आया हूं, कोई यूनिवर्स बनाने नहीं।” उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी कहानी से स्वतः कोई यूनिवर्स बनता है तो वह ठीक है, लेकिन जानबूझकर ऐसा करना उन्हें सही नहीं लगता। गौरतलब है कि करण जौहर हाल ही में कांस फिल्म फेस्टिवल 2025 में अपनी फिल्म ‘होमबाउंड’ के प्रीमियर के लिए पहुंचे थे। धर्मा प्रोडक्शंस के बैनर तले बनी इस फिल्म का निर्देशन नीरज घेवन ने किया है, जिसमें ईशान खट्टर, विशाल जेठवा और जान्हवी कपूर मुख्य भूमिकाओं में नजर आ रहे हैं। सुदामा/ईएमएस 14 जून 2025