लंदन (ईएमएस)। अनहेल्दी खानपान, जैसे चीनी और मैदे से बनी चीजें, शरीर को जवानी में ही थका देने वाली बीमारियों की ओर ले जाती हैं। अक्सर लोग दिन भर में कई बार ऐसी चीजें खा लेते हैं जिनमें चीनी और मैदा प्रमुख होते हैं, जैसे कि मिठाइयां, बिस्किट, ब्रेड, नमकीन या पेस्ट्री आदि। लेकिन अगर इन्हें सिर्फ 24 घंटे के लिए भी डाइट से हटा दिया जाए तो शरीर में जबरदस्त बदलाव महसूस किए जा सकते हैं। चीनी और मैदा हमारे शरीर में सूजन बढ़ाने वाले कारक हैं। इनका सेवन ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ाता है जिससे थकावट, चिड़चिड़ापन और आलस्य महसूस होने लगता है। इससे न केवल दिल और लिवर पर असर पड़ता है बल्कि यह आंतों के बैक्टीरिया को भी नुकसान पहुंचाता है। जब इन चीजों को डाइट से हटा दिया जाता है, तो शरीर का ग्लाइकोजन स्टोर धीरे-धीरे ऊर्जा में तब्दील होने लगता है और उसके साथ जमा पानी भी बाहर निकलता है। इससे शरीर की सूजन कम होती है और वजन भी हल्का महसूस होता है। चीनी और मैदा न खाने का एक और बड़ा फायदा यह होता है कि ब्लड ग्लूकोज में होने वाले उतार-चढ़ाव पर लगाम लग जाती है। इससे इंसुलिन का स्तर स्थिर रहता है और शुगर से जुड़ी बीमारियों का खतरा घटता है। शरीर में जमा ग्लाइकोजन जब घटता है तो उसके साथ जमा अतिरिक्त पानी भी बाहर आ जाता है, जिससे शरीर की सूजन घटती है और भारीपन कम होता है। इसके अलावा दिमाग पर भी इसका अच्छा असर दिखता है। चीनी और मैदा का सेवन डोपामिन रिलीज करता है, जिससे क्रेविंग और लत बढ़ती है। लेकिन जब इन चीजों को हटा दिया जाता है तो धीरे-धीरे दिमाग का रिवॉर्ड सिस्टम संतुलित होने लगता है और खाने की बेवजह की लालसा कम होने लगती है। मानसिक स्पष्टता बढ़ती है और एकाग्रता बेहतर होती है। कुल मिलाकर, सिर्फ 24 घंटे के लिए चीनी और मैदा को अपनी थाली से निकाल देने से शरीर में ऊर्जा स्थिर होती है, सूजन घटती है, थकान कम होती है और मस्तिष्क की कार्यक्षमता बेहतर होती है। सुदामा/ईएमएस 14 जून 2025