14-Jun-2025


इन्दौर (ईएमएस) अपनी 4 माह की बेटी को रेलवे स्टेशन पर लावारिस हालत में छोड़ जाने के आरोप से मासूम के पिता और आरोपी रघुनाथ जाट निवासी फतेहपुर सीकरी, राजस्थान को कोर्ट ने संदेह का लाभ देकर बरी कर दिया। जबकि मामले में करीब एक साल से वह जेल में था। आरोपी की ओर से पैरवी अधिवक्ता आशीर्वाद चौरसिया ने की। अभियोजन कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि 21 नवंबर 2015 को इंदौर के रेलवे स्टेशन पर एक हाथ ठेले पर करीब चार माह की मासूम बच्ची लावारिस हालत में रोती हुई मिली मामले में पुलिस ने उसके पिता रघुनाथ को आरोपी बनाया था। ट्रायल के दौरान अभियुक्त कथन में कोर्ट को बताया कि उसकी पत्नी सुनीता से घटना वाले दिन स्टेशन के पास उसका विवाद हो गया था। इस दौरान 4 माह की बच्ची उसकी मां के पास ही थी। विवाद के बाद बच्ची और पत्नी को वही छोड़ वह अपने बेटे के साथ अपने घर राजस्थान चला गया था। पैरवी कर रहे आरोपी के अधिवक्ता ने कोर्ट के समक्ष तथ्य रखें कि लावारिस मिली इस बच्ची के मामले में पुलिस को बच्ची की मां को आरोपी बनाना था, लेकिन ना तो उसे आरोपी बनाया ना ही उसे साक्षी के रूप में प्रस्तुत किया। सुनवाई उपरांत न्यायालय ने कहा कि उसकी राय में बच्ची की मां पूजा महत्वपूर्ण साक्षी हो सकती थी, लेकिन उसे ना ही साक्षी बनाया गया कोर्ट ने संदेह का लाभ देते हुए आरोपी रघुनाथ को आईपीसी की धारा 317 के आरोप से दोषमुक्त कर दिया। आनन्द पुरोहित/ 14 जून 2025