14-Jun-2025


प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नहीं उठा कोई ठोस कदम, ग्रामीण हो रहे परेशान छिंदवाड़ा (ईएमएस)। पड़ोसी जिला पांढुर्णा के औद्योगिक क्षेत्र बोरगांव की कंपनियां द्वारा लगातार केमिकल उक्त दूषित बदबूदार पानी छोड़ा जा हा है। जो ग्रामीणों के लिए बीमारी का कारण बन रहा है। इस मामले में कई बार शिकायत के बाद भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दूषित पानी व बदबू से निजात दिलाने के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए गए हैं। प्रदूषण विभाग के अनदेखी के चलते अब यह समस्या लोगों के गले की फांस बनती जा रही है। लोगों के अनुसार कई उद्योगों में लगाए गए वाटर ट्रीटमेंट प्लांट मनमर्जी से ही चलाए जाते हैं, क्योंकि इनके न चलने पर उद्योगपतियों को महंगे केमिकल की खरीदारी तथा बिजली के खर्चे में बचत मिलती है। दूषित और बदबूदार पानी को लेकर पिछले दिनों कबर पिपला के ग्रामीणों और महिलाओं ने तहसील कार्यालय का घेराव भी किया था और क्षेत्रीय विधायक विजय चौरे के नेतृत्व में अनुविभागीय अधिकारी सौंसर को ज्ञापन भी सौंपा था। ग्रामीणों ने कहा कि एसडीएम साहब को कई बार हम ज्ञापन दे चुके है इसके बावजूद अब तक उनकी समस्या का समाधान नहीं हो सका है। ग्रामीणों की माने तो कंपनी वाले 15-20 दिन 1 महीना तक यह शांत रहते हैं और फिर से दूषित पानी छोड़ देते हैं। बदबू इतनी की सांस लेना भी मुश्किल ग्रामीणों का कहना है कि यहां के नाले में औद्योगिक क्षेत्र बोरगांव की कंपनियों का दूषित पानी लगातार छोड़ा जा रहा है। केमिकल युक्त दुषित पानी से इतनी बदबू आती है की लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है,नाले से लगा शासकिय हाईस्कूल है जिसमे छात्र-छात्राओं को अध्ययन करने में बाधाएं उत्पन्न होती है। यहां की पेयजल व्यवस्था भी नाले के समीप होने के कारण नाले के पानी का रिसाव होकर ग्रामीणों के दिनचर्या में उपयोग हो रहा है और लोग बीमारी का शिकार भी हो रहे हैं। बीमारियों को जन्म दे रहा दूषित पानी ग्राम की पूर्व सरपंच सुरेखा काटोले ने बताया कि कंपनियों का दूषित पानी रात 8 बजे एवं प्रात: 4,5 बजे छोड़ा जाता हैं। इस पानी के कारण लोगो को खुजली,फोड़े,टायफाइड पीलिया आदि हो रहा है बच्चे बुजुर्ग बीमार पड़ रहे हैं। जानवर भी लगातार मर रहे हैं। जब कोई महिला घर के बर्तन धोती है तब बर्तनों पर केमिकल की साय दिखाई पड़ती है जो उनके भोजन के साथ-साथ उनके शरीर में प्रवेश कर अनेक बीमारियों को जन्म दे रही हैं। क्षेत्र की महिला कंचन वैष्णव ने बताया कि दिन निकलने से ही इंसान जो स्वच्छ हवा प्राप्त करना चाहता हैं, लेकिन यहां से उठती बदबू बीमारी फैला रही है। बदबू के कारण नहीं आते मेहमान ग्रामीणों का कहना है कि कंपनियों द्वारा दूषित पानी छोड़े जाने की इस गंभीर समस्या को लेकर कलेक्टर पांढुर्णा को अवगत कराया गया और रेमंड चौक में धरना भी दिया गया, लेकिन व्यवस्था नहीं सुधर पाई। ग्रामीणों ने कहा कि रात में पानी छोड़ने के पूर्व ही सभी भोजन करने का प्रयास करते हैं क्योंकि पानी की बदबू इतनी होती है की भोजन करने की इच्छा ही नहीं होती मेहमान घर आने से भी बचते है। इनका कहना है विभागीय तौर पर जांच में कोई कमी नहीं छोड़ी गई है। लोगों की शिकायत पर कई बार प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने उद्योगों में जाकर जांच की है। लगभग सभी उद्योगों में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट उपकरणों सहित लगे हैं। किसी प्रकार का दूषित पानी बाहर नहीं आता है। अगर फिर भी दूषित पानी की कोई समस्या है विभाग उसकी जांच आगामी दिनों में करेगा। अरविंद तिवारी सहायक यंत्री प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड छिंदवाड़ा औद्योगिक क्षेत्र की कंपनियों के मालिक, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तथा औद्योगिक क्षेत्र विकास कंपनी के अधिकारियों के साथ सोमवार को चर्चा की जाएगी और समाधान निकाला जाएगा। सिद्धार्थ पटेल एसडीएम सौंसर मुझे अब तक इस संबंध में कोई शिकायत नहीं मिली है और न ही मामला मेरे संज्ञान में आया है। उक्त मामला प्रदूषिण नियंत्रण बोर्ड से संबंधित है। वही इस कोई कार्रवाई कर सकते हैं। जोतेंद्र पटेल चेयर मैन इंडस्ट्रीयल एसोशिएसन सौंसर ईएमएस/मोहने/ 14 जून 2025