भोपाल(ईएमएस)। मुनि श्री प्रमाण सागर महाराज ने श्री विद्या प्रमाण गुरुकुलम, अवधपुरी में प्रातःकालआयोजित धर्मसभा में कहा कि हर बीज को सही भूमि मिले, हर आत्मा को सही साधना यही गुरुकुलम की आत्मा है। मुनि श्री ने जीवन के निर्माण और उसके गहरे आध्यात्मिक पक्ष को सरल भाषा में समझाते हुये कहा किबीज मिट्टी में समाहित होकर विराट स्वरूप ले सकता है, परंतु यदि चट्टान पर गिरा तो नष्ट हो जाएगा। उन्होंने कहा कि जीवन को दिशा देने के लिए केवल डिग्रियां नहीं, बल्कि धार्मिक मूल्य, संस्कार और समझ चाहिए! शिक्षा का उद्देश्य केवल कुछ बनना नहीं, बल्किसार्थक बनना होना चाहिए। मुनि श्री ने कहा कि विद्याप्रमाणगुरुकुलम् बीजों को वटवृक्ष बनाने की प्रयोगशाला है, जहाँ बच्चों के भीतर छिपे वटवृक्ष को सींचा जाएगा। गुरुकुल की स्थापना और उद्देश्य को प्रकट करते हुये कहा हर बालक का जीवन सार्थक और ऊर्जावान बने“आज हम बच्चों से अपेक्षा करते हैं कि वह डॉक्टर, इंजीनियर, प्रशासनिक अधिकारी बनें, पर क्या हमने यह सोचा कि वे अच्छे इंसान बनें, सफल और सार्थक जीवन जिएं? उन्होंने जोर देते हुए कहा कि अगर बच्चों के जीवन में सुधार लाना है, तो सबसे पहले धर्म को समझो, फिर अपने दोषों को स्वीकारो, और फिर सुधार की दिशा में आगे बढ़ो। प्रवक्ता अविनाश जैन विद्यावाणी ने बताया 16 जून सोमवार को प्रातः5:20 से गुरुकुल प्रवेश महोत्सव का आयोजन अवधपुरी के विद्याप्रमाणगुरुकुलम् में रखा गया है। यंहा पर बच्चों से सर्वप्रथम भगवान का अभिषेक तथा मुनि श्री के मुखारविंद से शांतीधारा तथा बच्चों तथा उनके अभिभावकों को सम्वोधन तत्पश्चात 7 बजे विद्यालय की ओर प्रस्थान कराया जायेगा। विद्याप्रमाणगुरुकुलम् के अध्यक्ष विनीत गोधा महामंत्री अनुभव सराफ कार्यक्रम संयोजक नरेंद्र टोंग्या सहित समस्त पदाधिकारियों ने भोपाल के समस्त जैन मंदिरों, समाज के पदाधिकारियों एवं श्रद्धालुओं से अपील की है कि प्रातःकाल 5 बजे से 7 बजे तक 2 घंटे का समय भविष्य के इन नौनिहालों के लिये अवश्य प्रदान करें। अविनाश जैन विद्यावाणी / 14 जून, 2025