तराई बीज विकास निगम की नीलामी और कृषि मेले के नाम पर चहेते ठेकेदार को ठेका देने में करोड़ों रूपये के घोटाले का कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने लगाया आरोप मुख्यमंत्री व कृषि मंत्री से तत्काल इस्तीफा दिये जाने की मांग की देहरादून (ईएमएस)। उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने तराई बीज विकास निगम की नीलामी और कृषि मेले के नाम पर चहेते ठेकेदार को ठेका देने में करोड़ों रूपये के घोटाले का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य के कृषि विभाग में एक के बाद एक घोटालों को अंजाम दिया जा रहा है तथा राज्य के मुख्यमंत्री मौन धारण किये हुए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री व कृषि मंत्री से तत्काल इस्तीफा दिये जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि एक वर्ष पूर्व रानीखेत में भी उद्यान विभाग मे करोड़ों रूपये के घोटाले को अंजाम दिया गया था परन्तु उसकी भी जांच नहीं हो पाई और अब एयरपोर्ट विस्तारीकरण के नाम पर तराई बीज विकास निगम की परिसम्पत्तियों की औने-पौने दामों पर नीलामी कर करोड़ों रूपये के घोटाले को अंजाम दिया गया है। माहरा ने तराई बीज विकास निगम की नीलामी को तत्काल रद्द करने की मांग करते हुए कहा कि कृषि मंत्री गणेश जोशी और घोटालों का पुराना नाता रहा है। इस अवसर पर उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं कृषि मंत्री गणेश जोशी के इस्तीफे की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि तराई बीज विकास निगम किसानों की एक प्रमुख बीज संस्था है जिसने उत्तराखंड ही नहीं उत्तर प्रदेश के सीमावती क्षेत्रों को उत्तम किस्म के बीज उपलब्ध कराने के साथ ही उत्तराखंड राज्य के तराई क्षेत्र को एक नई पहचान दी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की अकर्मण्यता के चलते तराई बीज विकास निगम संकट से जूझ रहा है और निगम की स्थिति सुधारने की बजाया राज्य सरकार द्वारा एयरपोर्ट विस्तारीकरण के नाम पर निगम की संपत्तियों को कौडियों के भाव नीलाम कर करोड़ों रूपये के घोटाले को अंजामन दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार केन्द्र की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थानों को अपने चहेते उद्योगपति मित्रों को कौडियों के भाव दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उसी प्रकार राज्य की सरकार द्वारा राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थानों में खुली लूट की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि तराई बीज विकास निगम की परिसम्पत्तियों की नीलामी प्रक्रिया के लिए गठित समिति में अंशधारकों द्वारा चयनित के किसी भी निदेशक को शामिल नहीं किया गया है, जबकि भ्रष्टाचार के चलते जेल की हवा खा चुके कर्मचारी को समिति का सदस्य बनाया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि बीज विकास निगम के संयंत्रों हल्दी बीज विधायन संयंत्र और अन्य बीज विधायन इकाइयों की चालू हालत में मौजूद मशीनों को भी कबाड़ के भाव बेचना तथा निगम की हजारों करोड़ रूपये की सम्पत्तियों को मात्र छह करोड़ पचास लाख रूपये में नीलाम किया जाना भारी भ्रष्टाचार को दर्शाता है। शैलेन्द्र नेगी/ईएमएस/14 जून 2025