15-Jun-2025
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इंदौर(ईएमएस)। बीते रोज नीट यूजी का रिजल्ट एनटीए ने घोषित कर दिया। जहां एक ओर टॉपर्स और अच्छे अंक लाने वाले स्टूडेंट्स और उनके परिवारों में खुशी है, वहीं दूसरी ओर परीक्षा में शामिल ऐसे 75 स्टूडेंट्स भी हैं, जिनका रिजल्ट एनटीए ने फिलहाल रोक दिया है। बिजली कटने के कारण कई छात्रों को मोबाइल की टॉर्च और मोमबत्ती की रोशनी में परीक्षा देनी पड़ी। घना अंधेरा होने के कारण कई छात्र प्रश्नपत्र ठीक से पढ़ भी नहीं पाए। परीक्षा खत्म होने के बाद कई छात्र रोते हुए केंद्र से बाहर निकले। इनका कहना था कि उन्होंने पूरे साल मेहनत की थी, लेकिन खराब व्यवस्था ने उनके भविष्य पर सवाल खड़े कर दिए। 4 मई को आयोजित नीट यूजी परीक्षा के लिए इंदौर में 49 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे, जहां करीब 27 हजार छात्रों ने परीक्षा दी। इसी दौरान अचानक मौसम खराब हो गया और 120 किमी/घंटा की रफ्तार से आई आंधी और तेज बारिश ने शहर की बिजली व्यवस्था ठप कर दी। इससे करीब 11 परीक्षा केंद्रों में बिजली चली गई और अंधेरा छा गया। लगभग 600 छात्रों की परीक्षा सीधा प्रभावित हुई। यह पहला मौका था जब एनटीए ने शहर के सरकारी स्कूलों में परीक्षा केंद्र बनाए थे, लेकिन यहां पावर बैकअप की कोई व्यवस्था नहीं थी। दरअसल, इंदौर और उज्जैन के इन छात्रों ने जिन परीक्षा केंद्रों से एग्जाम दिया था, वहां 4 मई को तेज आंधी और बारिश के चलते बिजली गुल हो गई थी। वैकल्पिक व्यवस्था न होने से परीक्षा प्रभावित हुई। इन स्टूडेंट्स ने हाई कोर्ट की शरण ली है। इसके अलावा, 20 अन्य स्टूडेंट्स ऐसे हैं जिन्होंने सुनवाई के बीच में याचिकाएं दायर की थीं। इस तरह कुल 95 स्टूडेंट्स कोर्ट के फैसले पर निर्भर हैं कि उन्हें दोबारा परीक्षा देने का मौका मिलेगा या फिर कोई अन्य निर्देश जारी होंगे। इन मामलों में 23 जून को हाई कोर्ट में सुनवाई होनी है। याचिकाकर्ता स्टूडेंट्स के अधिवक्ता मृदुल भटनागर ने बताया कि प्रभावित छात्रों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अभी तक 85 छात्र याचिका दायर कर चुके हैं, जिनमें उज्जैन के 6 छात्र भी शामिल हैं। कुल मिलाकर 2000 से अधिक छात्रों की परीक्षा प्रभावित हुई थी, लेकिन याचिका उन्हीं 85 ने लगाई है। इनमें से 75 मामलों में हाई कोर्ट ने पहले ही स्टे दिया हुआ है। एडवोकेट भटनागर के अनुसार, हाई कोर्ट ने पहले 75 छात्रों के मामलों में स्टे दिया था। लेकिन 9 मई के बाद जो 20 नई याचिकाएं दाखिल की गईं, उन पर कोर्ट ने स्टे देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने तर्क दिया कि रिजल्ट जल्द ही घोषित होने वाला है, इसलिए अब नए याचिकाकर्ताओं को स्टे नहीं दिया जा सकता।भटनागर ने बताया कि उनकी ओर से 86 छात्रों ने याचिकाएं दायर की हैं, जबकि अन्य वकीलों के माध्यम से 9 और याचिकाएं दायर की गई हैं। इस प्रकार कुल 95 याचिकाएं लंबित हैं, जिनमें से 75 पर स्टे है। उधर राजस्थान, गुजरात और कोलकाता के कुछ छात्रों ने भी वहां के संबंधित हाई कोर्ट में याचिकाएं लगाई हैं, जिन पर सुनवाई होनी बाकी है। वहीं कई प्रभावित छात्र ऐसे भी हैं, जो आर्थिक तंगी या अन्य कारणों से याचिका नहीं दायर कर सके और अब वे बेहद निराश हैं। रिजल्ट के बाद निराशा, अब कोर्ट में उम्मीद रीवा के देवेश त्रिपाठी का यह नीट में तीसरा प्रयास था। उन्होंने दो बार ड्रॉप लेकर इंदौर में कोचिंग की थी। इस बार उनका परीक्षा केंद्र इल्वा हायर सेकेंडरी स्कूल था। परीक्षा के दौरान अंत में बिजली चली गई। उन्होंने अपनी मेहनत के आधार पर 465 के टॉप रैंकर्स में आने की उम्मीद की थी, इसलिए शुरुआत में कोर्ट नहीं गए। लेकिन शनिवार को जब रिजल्ट आया तो पता चला कि वे करीब 30 अंक से पिछड़ गए। अब वे 60,000 रैंक वालों की बजाय 77,000 की कैटेगरी में हैं, जिससे अच्छे कॉलेज में दाखिला मुश्किल हो जाएगा। उनके परिजन अब सोमवार को हाई कोर्ट का रुख करेंगे। अनन्या अग्रवाल, यश केसरवानी, अलीना जैसे कई स्टूडेंट्स ने पहले ही याचिकाएं लगाई थीं और अपनी परेशानी कोर्ट के समक्ष रखी है। वीरेंद्र/ईएमएस/15जून2025