* अहमदाबाद सिविल अस्पताल से पार्थिव शरीर को सम्मानपूर्वक सौंपने की पूरी प्रक्रिया के लिए दो नियंत्रण कक्ष कार्यरत अहमदाबाद (ईएमएस)| अहमदाबाद विमान दुर्घटना में मृतकों के पार्थिव शरीर को अत्यंत सम्मान और संवेदना के साथ, यथाशीघ्र उनके परिजनों को सौंपने के लिए राज्य सरकार के मार्गदर्शन में सिविल अस्पताल प्रणाली द्वारा एक सुव्यवस्थित और एकीकृत प्रणाली बनाई गई है। अहमदाबाद सिविल अस्पताल के रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर (आरएमओ) डॉ. संजय सोलंकी ने बताया कि इस व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य दुख की इस घड़ी में शोक संतप्त परिवारों की कठिनाइयों को कम करना है। इस पूरी प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए दो अलग-अलग नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं : प्रथम नियंत्रण कक्ष (डी2 बिल्डिंग): पहचान और प्रारंभिक कार्रवाई जब भी किसी मृतक का डीएनए सैंपल मैच होता है, तो सबसे पहले सिविल अस्पताल की डी2 बिल्डिंग के पास स्थित नियंत्रण कक्ष से मृतक के परिवार से संपर्क किया जाता है। जब परिवार के सदस्य यहां पहुंचते हैं, तो उनकी पहचान सत्यापित की जाती है। उनके द्वारा प्रस्तुत किए गए प्रमाण-पत्रों की पुष्टि करके मृतक के साथ उनके संबंध को सत्यापित करने के बाद, प्राथमिक कागजी कार्रवाई यहां पूरी की जाती है। दूसरा नियंत्रण कक्ष (1200 बेड अस्पताल शवगृह): पहले नियंत्रण कक्ष में प्रक्रिया पूरी होने के बाद, परिवार के सदस्यों को 1200 बेड अस्पताल स्थित शवगृह के पास बने दूसरे नियंत्रण कक्ष में ले जाया जाता है। यहां की व्यवस्था की खासियत यह है कि परिवार के सदस्यों के आने से पहले ही उनके लिए सभी जरूरी दस्तावेज तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है। इसके अलावा, शव को ताबूत में रखने और यदि आवश्यक हो तो शव को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए शवलेपन की प्रक्रिया भी यहीं पूरी की जाती है। परिवार के सदस्यों का समय बचाने और किसी भी असुविधा से बचने के लिए, इस नियंत्रण कक्ष में एक ही स्थान पर विभिन्न डेस्क स्थापित किए गए हैं : • पुलिस डेस्क: पंचनामा, दुर्घटना मृत्यु नोट आदि सहित सभी आवश्यक पुलिस दस्तावेज यहां तैयार किए जाते हैं। • फोरेंसिक मेडिसिन विभाग डेस्क: पोस्टमॉर्टम (पीएम) रिपोर्ट और मृत्यु नोट यहां से तुरंत जारी किए जाते हैं। • एयर इंडिया डेस्क: बीमा दावे की प्रक्रिया के लिए आवश्यक दस्तावेज यहां तैयार किए जाते हैं। • अहमदाबाद नगर निगम डेस्क: मृत्यु प्रमाण पत्र यहीं से जारी किया जाता है। प्रमाण पत्र में यदि कोई त्रुटि पाई जाती है तो उसे तुरंत मौके पर ही ठीक कर दिया जाता है। यह सारी दस्तावेजीकरण प्रक्रिया मात्र 15 से 20 मिनट में पूरी हो जाती है, और शव को ताबूत में रखकर अत्यंत सम्मान के साथ परिवार को सौंप दिया जाता है। शवगृह के दरवाजे के पास एक एम्बुलेंस और सरकार द्वारा नियुक्त सहायता टीम तैयार रहती है, जो शव को परिवार के साथ उनके गृहनगर ले जाती है। सिविल अस्पताल व्यवस्था और राज्य सरकार इस कठिन समय में प्रत्येक शोक संतप्त परिवार के साथ है तथा मृतकों को सम्मानजनक विदाई देने के लिए प्रतिबद्ध है। सतीश/15 जून