* हर परिवारजन का संपर्क करने से लेकर शवों की शिनाख्त व सुपुर्दगी तक की प्रक्रिया के लिए प्रति परिजन पृथक टीम अहमदाबाद (ईएमएस)| अहमदाबाद विमान दुर्घटना के बाद राज्य सरकार के दिशानिर्देश में प्रशासन तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा मृतकों की पहचान कर उनके परिजों को शव सौंपने की कार्यवाही तेज बनाई गई है। डीएनए सैंपल मैचिंग की अत्यंत संवेदनशील प्रक्रिया बहुत ही गंभीरता और तेजी से पूर्ण की जा रही है। डीएनए सैंपल मैचिंग के बाद मृतकों के परिजनों से संपर्क कर उन्हें बुलाने से लेकर उनके आप्तजनों के शव सौंपने तक की संपूर्ण कार्यवाही भली-भाँति ढंग से पूर्ण करने के उद्देश्य से राज्य के स्वास्थ्य विभाग एवं सिविल अस्पताल प्रशासन द्वारा व्यवस्था की गई है। गुजरात इनफॉर्मेटिक्स लिमिटेड के एमडी एवं सिविल अस्पताल के नोडल अधिकारी श्री अरविंद विजयन ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि डीएनए सैंपल रिपोर्ट आने के बाद परिजनों के वेयरीफिकेशन के लिए सिविल अस्पताल में डी2 ब्लॉक में वेयरीफिकेशन सेंटर स्थापित किया गया है। परिजन जब शव स्वीकार करने के लिए आते हैं, तब यहाँ उनका वेयरीफिकेशन पूरा किया जाता है। वेयरीफिकेशन पूरा होने के बाद ही पोस्टमार्टम रूम में सूचित किया जाता है। इसके बाद पोस्टमार्टम रूम द्वारा शवों को सौंपने के लिए तैयार रने की प्रक्रिया की जाती है। पोस्टमार्टम रूम द्वारा जब तक प्रक्रिया पूरी की जाती है, तब तक परिजनों को वेटिंग एरिया में काउंसेलर, मेडिकल टीम तथा पीआरओ के साथ बैठाया जाता है। उन्हें संपूर्ण प्रक्रिया तथा शव के साथ सौंपे जाने वाले दस्तावेजों के बारे में अवगत कराया जाता है। पोस्टमार्टम रूम से प्रक्रिया पूर्ण होने की जानकारी मिलने के बाद परिजनों को डी2 ब्लॉक से एक पीआरओ द्वारा एस्कोर्ट कर पोस्टमार्टम रूम तक ले जाया जाता है। पोस्टमार्टम रूम से परिजनों को उनके संबंधी के शव तथा कानूनी रूप से जरूरी दस्तावेज सौंपे जाते हैं। एक टीम पार्थिव देह को मृतक के घर तक पहुँचाने के लिए परिवार के साथ जाती है और सभी प्रकार की सहायता प्रदान करती है। यहाँ उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य विभाग तथा सिविल अस्पताल प्रशासन द्वारा हर परिजन से संपर्क करने से लेकर शवों की शिनाख्त एवं सुपुर्दगी तक की प्रक्रिया के लिए प्रति परिजन एक पृथक टीम आवंटित की गई है। इस टीम में स्वास्थ्य कर्मचारी, एक वरिष्ठ अधिकारी, पुलिस कर्मचारी एवं एक प्रोफेशनल काउंसेलर शामिल हैं। परिजनों को शव सौंपते समय राज्य सरकार द्वारा मृत्यु प्रमाणपत्र, दुर्घटना मृत्यु केस (एडी) रिपोर्ट, पुलिस जाँच, पोस्टमार्टम नोट, डीएनए मैचिंग संबंधी एफएसएल रिपोर्ट, शरीर पर से मिले कोई भी गहने या अन्य वस्तुएँ भी सौंपे जा रहे हैं। यहाँ उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने पार्थिव देह को सगे-संबंधियों को सौंपने के लिए डॉक्टरों, सहायकों, ड्राइवरों की 591 टीम मेम्बर्स सहित 192 एम्बुलेंस की व्यवस्था की है। दुर्घटना के प्रभावितों तथा उनके परिजनों के सहायक बनने के उद्देश्य से बी. जे. मेडिकल कॉलेज के कसौटी भवन में हेल्पडेस्क शुरू किया गया है, जिसमें कंट्रोल रूम के समन्वय सहित तमाम व्यवस्थाएँ कार्यरत की गई हैं। समग्र प्रशासन द्वारा दुर्घटना के इन क्षणों में सभी परिजनों के साथ प्रत्यक्ष संपर्क कर उनके परिजनों के लिए सिविल अस्पताल में सैंपलिंग व्यवस्था, एयरपोर्ट से ट्रांसपोर्टेशन की व्यवस्था, रहने-खाने की व्यवस्था, वाहन व्यवस्था आदि मामलों में सहायक होकर आपदा के इस मुश्किल समय में सहानुभूतिपूर्ण कार्य किया जा रहा है। सतीश/16 जून