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16-Jun-2025
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देश में पहली डिजिटल-प्लस जाति जनगणना नई दिल्ली,(ईएमएस)। भारत सरकार ने देश की अगली जनगणना के लिए वर्ष 2027 को निर्धारित करते हुए औपचारिक अधिसूचना जारी कर दी है। गृह मंत्रालय द्वारा जारी इस अधिसूचना के अनुसार, देश के अधिकांश हिस्सों में जनगणना की आधार तिथि 1 मार्च 2027 की मध्यरात्रि होगी। हालांकि, ठंडे और बर्फीले क्षेत्रों—जैसे लद्दाख, जम्मू-कश्मीर के कुछ भाग, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड—में यह तिथि 1 अक्टूबर 2026 तय की गई है। इन क्षेत्रों में मौसम की कठोर परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। गौरतलब है कि यह अधिसूचना वर्ष 2019 में जारी पुराने आदेश को निरस्त करते हुए लागू की गई है। कोविड-19 महामारी के चलते वर्ष 2021 में प्रस्तावित जनगणना को स्थगित कर दिया गया था, जिसके बाद यह निर्णय देशभर में बहुप्रतीक्षित था। सरकार का कहना है कि इस जनगणना के माध्यम से जनसंख्या से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी के साथ-साथ सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक और अन्य पहलुओं पर आधारित आंकड़े जुटाए जाएंगे। ये आंकड़े आगामी नीतियों, कल्याणकारी योजनाओं और विकास कार्यों के लिए दिशा-निर्देशक की भूमिका निभाएंगे। पहली डिजिटल‑प्लस‑जाति जनगणना केंद्र सरकार ने औपचारिक अधिसूचना जारी कर देश‑व्यापी जनगणना 2027 की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह 16 वां अखिल भारतीय और स्वतंत्र भारत का 8 वां जनगणना‑अभियान होगा, जो 2011 के बाद पहली बार देश की जनसंख्या, धर्म‑सम्प्रदाय और सामाजिक‑आर्थिक प्रोफाइल का अद्यतन चित्र पेश करेगा। इस बार की जनगणना को दो‑चरणी में शेड्यूल किया गया है, पहले चरण में (हाउस‑लिस्टिंग एवं आवास अनुसूची): 16 जून 2025 से 28 फरवरी 2026 तक, जिसके तहत हर मकान और बुनियादी सुविधाओं का ब्योरा दर्ज होगा। दूसरे चरण में (जनसंख्या एवं जाति‑गणना): 27 फरवरी 2027 से 1 मार्च 2027 की मध्यरात्रि तक; यही तिथि “जनगणना‑संदर्भ” भी होगी। बर्फीले क्षेत्रों—जम्मू‑कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड—में यह संदर्भ‑तिथि 1 अक्टूबर 2026 रखी गई है। जाति‑आधारित आंकड़े: आज़ादी के बाद पहली बार मूल जनगणना प्रपत्र में ही विस्तृत जाति‑वर्गीकरण दर्ज होगा, जिससे पिछली बार के सामाजिक‑आर्थिक सर्वे (एसईसीसी‑2011) की विसंगतियाँ दूर होंगी। मोबाइल‑ऐप व पोर्टल: 30 लाख से अधिक प्रशिक्षित गणनाकर्मी टैबलेट‑आधारित मोबाइल‑ऐप से डेटा भरेंगे, जबकि नागरिक सेल्फ एनुमरेशन पोर्टल पर स्वयं व अपने परिजनों का प्रोफ़ाइल अपडेट कर सकेंगे। पोर्टल केवल संदर्भ‑तिथि से कुछ दिन पहले तक खुला रहेगा, ताकि अंतिम समेकन समय पर पूरा हो सके। डेटा‑सुरक्षा के कड़े प्रावधान गृह मंत्रालय के अनुसार, एन्क्रिप्टेड ट्रांसमिशन, केंद्रीकृत सर्वर और रोल बेस्ड एक्सेस के जरिये सूचनाओं की गोपनीयता सुनिश्चित की जाएगी। नई कोडिंग सिस्टम साफ‑सुथरे डेटा‑प्रोसेसिंग में मदद करेगी, जिससे हाथ से लिखी प्रविष्टियों की त्रुटियाँ खत्म हों। यहां बताते चलें कि जनगणना की इस प्रक्रिया की शुरुआत साल 1872 में हुई थी, और तब से लेकर अब तक यह 16वीं बार होगी जब देशव्यापी जनगणना कराई जाएगी। स्वतंत्र भारत में यह 8वीं जनगणना होगी। जनगणना की अधिसूचना जारी होने के साथ ही तैयारियों की प्रक्रिया भी औपचारिक रूप से आरंभ हो गई है। आने वाले महीनों में संबंधित अधिकारियों को प्रशिक्षण, तकनीकी संसाधनों की व्यवस्था और जनभागीदारी को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए जाएंगे। हिदायत/ईएमएस 16जून25