राज्य
16-Jun-2025


- कॉलोनाइजर पर मप्र सरकार सख्त... नियम तोडक़र कॉलोनी बनाने पर होगी जेल, संपत्ति व बैंक खाते होंगे सीज भोपाल (ईएमएस)। मध्य प्रदेश में अवैध कालोनियों के खिलाफ सरकार अब कड़ा रुख अपनाने जा रही है। यदि किसी व्यक्ति ने नियमों को दरकिनार कर गैरकानूनी तरीके से कॉलोनी बसाई, तो उसके खिलाफ सीधे एफआईआर दर्ज कर जेल भेजा जाएगा। उसके साथ ही ऐसे कॉलोनाइजर की संपत्ति जब्त कर उसके बैंक खाते सीज किए जाएंगे। मोहन सरकार ने इस दिशा में मध्य प्रदेश नगरपालिका कॉलोनी विकास नियमों को और सख्त करने की तैयारी कर ली है। नए नियमों का प्रारूप बन चुका है और इसे जल्द ही कैबिनेट से मंजूरी के बाद लागू कर दिया जाएगा। 37 साल पुराने कानून में अब आएगा बदलाव वर्ष 1998 से ही मध्य प्रदेश नगरपालिका कॉलोनी विकास नियमों में यह प्रावधान है कि कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त किसी भी अवैध कॉलोनी के निर्माण पर कॉलोनाइजर को जेल भेज सकते हैं। इतना ही नहीं, यह संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है, जिसमें पुलिस को सीधे गिरफ्तारी का अधिकार है। इसके बावजूद अब तक किसी कॉलोनाइजर पर कठोर कार्रवाई नहीं की गई, जिससे अवैध कॉलोनियों की संख्या लगातार बढ़ती गई। अब सरकार नियमों को प्रभावी और सख्त बनाकर इस समस्या पर अंकुश लगाने जा रही है। अनधिकृत कॉलोनियों का अधिग्रहण करेगी सरकार नए प्रस्ताव के अनुसार किसी कॉलोनाइजर ने कृषि भूमि पर बिना अनुमति कॉलोनी काटी, तो सरकार पहले उस कॉलोनी का अधिग्रहण करेगी। उसके बाद वहां मौजूद खाली प्लॉट को सरकार द्वारा बेचा जाएगा और कॉलोनी का व्यवस्थित विकास किया जाएगा। इससे स्थानीय निकायों को राजस्व की हानि से बचाया जा सकेगा। रहवासियों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकेंगी। वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा ऐसे कॉलोनियों का सर्वे करवाया जा रहा है। जब तक सर्वे पूर्ण नहीं होता, तब तक उन कॉलोनियों में किसी भी प्रकार की रजिस्ट्री और नामांतरण पर रोक रहेगी। वैध करने के पुराने नियमों में भी बदलाव पूर्ववर्ती शिवराज सरकार ने वर्ष 2022 तक की अवैध कॉलोनियों को वैध करने का निर्णय लिया था। इसके लिए 2021 में कॉलोनी विकास नियमों में संशोधन कर 31 दिसंबर 2016 तक बनी कॉलोनियों को वैध करने का प्रविधान जोड़ा गया था। वर्तमान में यह संशोधित नियम लागू है, जिसमें यह भी तय किया गया कि एलआईजी और ईडब्ल्यूएस वर्ग के रहवासियों से कोई विकास शुल्क नहीं लिया जाएगा। जबकि अन्य वर्गों से विकास शुल्क का केवल 50 प्रतिशत ही वसूला जाएगा और शेष 50 प्रतिशत राशि निकाय द्वारा वहन की जाएगी। प्रदेश में 3000 से अधिक अनधिकृत कॉलोनियां प्रदेश में वर्तमान समय में 3000 से अधिक अवैध कॉलोनियां हैं। इनमें अधिकांश नगर निगम और नगर निकाय की सीमा से लगे ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित हैं। अब सरकार का उद्देश्य ऐसे अवैध निर्माण को पूरी तरह से रोकना है। सरकार चाहती है कि भविष्य में कोई भी कॉलोनाइजर नियमों का उल्लंघन कर कॉलोनी विकसित न कर सके। इसके लिए कठोर कानूनी व्यवस्था की जा रही है ताकि प्रदेश का नगरीय विकास सुव्यवस्थित तरीके से हो सके। विनोद / 16 जून 25