-अमेरिका ने कहा- ईरान के राजनीतिक नेतृत्व को टारगेट करना जंग भड़काने जैसा तेहरान,(ईएमएस)। इजराइल और ईरान के बीच जंग अब तेज हो चुकी है और दोनों देश एक-दूसरे पर भीषण हवाई हमले कर रहे हैं। इजराइल के हमले में ईरान के टॉप मिलिट्री कमांडरों समेत कई परमाणु वैज्ञानिकों की मौत हो गई है। यही नहीं ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई भी इजराइल के निशाने पर थे, लेकिन आखिरी वक्त में अमेरिका के वीटो के बाद उनकी हत्या का प्लान टाल दिया। अगर इजराइल खामेनेई को मार देता तो इस जंग का असर पूरी दुनिया पर पड़ता। इजराइल के हमले में ईरान की परमाणु साइट्स, ऑयल डिपो और कई अहम इलाके पूरी तरह तबाह हो चुके हैं। ईरान में कई लोगों की जान जा चुकी है जबकि जवाबी कार्रवाई में इजराइल को भी काफी नुकसान हुआ है, लेकिन खामेनेई को निशाना बनाकर इजराइल विध्वंसक कदम उठा सकता था, जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की दखल के बाद रोका दिया गया। अमेरिका का मानना है कि अब तक ईरान ने सीधे तौर पर अमेरिकी ठिकाने या किसी नागरिक को नुकसान नहीं पहुंचाया है, ऐसे में ईरान के राजनीतिक नेतृत्व को टारगेट करना जंग को भड़काने जैसा होगा। इसके अलावा अमेरिका ने खामेनेई की हत्या की प्लानिंग पर वीटो इसलिए भी लगाया क्योंकि इससे पूरी मिडिल ईस्ट में बड़े पैमाने पर युद्ध भड़क सकता था। इसका नुकसान अमेरिका का भी उठाना पड़ता, क्योंकि कई खाड़ी देशों में अमेरिकी सैन्य ठिकाने हैं। खामेनेई की हत्या के बाद ईरान की तरफ से भीषण जवाबी कार्रवाई होती, जिसमें बैलिस्टिक मिसाइलों से इजराइल, अमेरिकी ठिकानों और मीडिल ईस्ट में अमेरिकी जहाजों को निशाना बनाए जाने का खतरा पैदा हो सकता था। अमेरिका अब भी ईरान के साथ परमाणु समझौते को फिर से जीवित करने की उम्मीद रखता है। जैसा कि ट्रंप प्रशासन ने संकेत दिया है। ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई की हत्या इस संभावना को पूरी तरह से खत्म कर सकती थी। ईरान पर भले ही परमाणु अप्रसार संधि को तोड़ने के आरोप लगे हों, लेकिन ट्रंप सैन्य दबाव के बजाय कूटनीतिक रास्ता तलाशने पर जोर दे रहे हैं।अमेरिका नहीं चाहता कि यह संघर्ष एक बड़े भू-राजनीतिक टकराव में बदल जाए, जिसमें रूस और चीन का सीधा दखल हो। सिराज/ईएमएस 16जून25