सिरोंज (ईएमएस)। केडीबीएम इंटरनेशनल स्कूल में 16 जून को ग्रीष्म कालीन अवकाश के बाद स्कूल का पुनः शुभारंभ एक विशेष और आध्यात्मिक आयोजन “पुस्तक पूजन” के साथ पारंपरिक एवं सांस्कृतिक वातावरण में किया गया। इस आयोजन का उद्देश्य विद्यार्थियों में शिक्षा के प्रति सम्मान, श्रद्धा एवं अनुशासन की भावना को जाग्रत करना था। कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती की वंदना से हुई, जिसके पश्चात विद्यार्थियों ने श्रद्धा भाव से अपनी पुस्तकों और कॉपियों का विधिवत पूजन किया। शिक्षकों ने पुस्तक पूजन के महत्व को समझाते हुए यह संदेश दिया कि “शिक्षा केवल ज्ञान प्राप्ति नहीं, बल्कि मूल्यों, संस्कारों और चरित्र निर्माण की यात्रा है।” द्यालय प्रबंधन द्वारा यह बताया गया कि सभी छात्र-छात्राएं समय पर उचित यूनिफॉर्म में उपस्थित हुए एवं अपनी पुस्तकों पर साफ-सुथरा कवर तथा स्पष्ट नाम लिखकर लाए थे। यह अनुशासन एवं जिम्मेदारी का उत्तम उदाहरण रहा। विद्यालय की संचालिका श्वेता आनंद त्यागी ने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा: “पुस्तकें हमारे सबसे अच्छे और सच्चे मित्र होती हैं। जो समय आप पुस्तकों को देंगे, वही आपको ज्ञान के माध्यम से ऊँचाइयों तक पहुँचाएगा। जब पुस्तकें साथी बन जाएं, तब अकेलापन भी दूर हो जाता है।” बच्चों के लिए किताबों का बहुत महत्व है। किताबें बच्चों की कल्पना को बढ़ावा देती हैं, भाषा कौशल विकसित करती हैं, और दुनिया को देखने का एक नया नजरिया प्रदान करती हैं। काल्पनिक दुनिया में ले जाती हैं, जिससे उनकी कल्पना और रचनात्मकता का विकास होता है। नए शब्द और वाक्य संरचनाओं से परिचित कराती हैं, जिससे उनका भाषा कौशल बेहतर होता है। विभिन्न विषयों के बारे में जानकारी प्रदान करती हैं, जिससे उनका ज्ञान बढ़ता है. किताबें बच्चों को दूसरों की भावनाओं को समझने और सहानुभूति विकसित करने में मदद करती हैं एक अच्छी आदत विकसित करती हैं, जो उनके जीवन भर काम आती है। विद्यालय की प्राचार्य एवं समस्त शिक्षकमंडल ने सभी विद्यार्थियों को शुभकामनाएँ देते हुए आशा व्यक्त की कि यह नया सत्र सभी के लिए ज्ञान, आत्मविकास और सफलता की ओर एक नई उड़ान सिद्ध होगा। ईएमएस/ सलमान खान/ 16 जून 2025