राष्ट्रीय
17-Jun-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। अहमदाबाद में एयर इंडिया के विमान हादसे के बाद पूरी दुनिया में बोइंग 787 ड्रीमलाइनर को लेकर सवाल उठ रहे हैं। विमान हादसे के पीछे इंजन का फेल होना बताया जा रहा है। मगर, बैटरी फटने जैसी कुछ और आशंकाओं को दरकिनार नहीं किया गया है। हादसे के बाद भारतीय विमानन एजेंसी नागर विमानन महानिदेशालय यानी डीसीसीए ने एयर इंडिया के बोइंग 787 ड्रीमलाइनर बेड़े की सुरक्षा जांच के आदेश दिए हैं। आदेश में कहा गया है कि बोइंग के 787-8 और 787-9 हवाई जहाजों की हर उड़ान से पहले जांच होगी। सभी रिपोर्ट्स डीजीसीए को सौंपी जाएंगी। वहीं, डीजीसीए ने एयर इंडिया को जेनएक्स इंजन वाले बोइंग 787-8 और 787-9 विमानों के अतिरिक्त रखरखाव का निर्देश दिया है। यह आदेश 15 जून से लागू हो गया है। बोइंग 787 ड्रीमलाइनर अपनी सहायक बिजली इकाई (एपीयू) के लिए और इलेक्ट्रॉनिक उड़ान प्रणालियों के लिए बैकअप के रूप में लिथियम-आयन बैटरी का उपयोग करता है। इन बैटरियों को उनके हाई एनर्जी डेंसिटी और लॉन्ग लाइफ साइकिल के लिए चुना गया था। हालांकि, वे सुरक्षा मुद्दों से जुड़े रहे हैं, जिसमें ओवरहीटिंग और आग लगना शामिल है, जिसके कारण 2013 में पूरे 787 बेड़े को अस्थायी रूप से ग्राउंडेड कर दिया गया था। हालांकि, एयर इंडिया का जो विमान क्रैश हुआ था, उसके सटीक वजहों के बारे में अभी तक पता नहीं चल पाया है। ड्रीमलाइनर को ताकत दो लिथियम ऑयन बैटरी से मिलती है। मेन बैटरी फ्रंट पर होती है दूसरी ऊपर में पीछे की ओर होती है। लिथियम ऑयन बैटरी 1,000 डिग्री सेंटीग्रेड तक आग पकड़ सकती है। यह ड्रीमलाइनर की कार्बन फाइबर बॉडी के गर्मी सहने की क्षमता 343 डिग्री से तीन गुना तक होती है। इस बैटरी में यूज किया जाने वाला इलेक्ट्रोलाइट फ्लूइड जल्दी आग पकड़ सकता है। सितंबर 2012 में तत्कालीन सरकारी स्वामित्व वाली एयर इंडिया लिमिटेड के बेड़े में शामिल होने के तुरंत बाद सभी छह नए बोइंग 787 ड्रीमलाइनर्स के बैच को उनकी लिथियम-आयन बैटरी की खराबी के कारण चार महीने से अधिक समय के लिए रोक दिया गया था। आशीष/ईएमएस 17 जून 2025