प्रजापति सहकारी सहकारी समिति ने कलेक्टोरेट पहुंचकर किया प्रदर्शन, सौंपा ज्ञापन गुना (ईएमएस)| जिले के कैंट क्षेत्र में वर्षों से परंपरागत रूप से ईंट भट्टा, वर्तन और कवेलु निर्माण जैसे कार्यों में लगे प्रजापति समाज के सामने अब आजीविका का संकट खड़ा हो गया है। यह संकट पैदा हुआ है अडानी समूह की अंबुजा सीमेंट फैक्ट्री के कारण, जिसका निर्माण ग्राम मावन करैया, सिंगवासा, अशोकनगर रोड क्षेत्र में तेजी से जारी है। इस परियोजना के चलते न केवल प्रजापति समाज को पूर्व में आवंटित सरकारी भूमि पर अतिक्रमण हुआ है, बल्कि उनके पारंपरिक व्यवसाय, निवास स्थान और जल संसाधन भी प्रभावित हो गए हैं। मंगलवार को प्रजापति सहकारी समिति कैंट गुना ने इस विषय पर एसडीएम को एक विस्तृत आवेदन सौंपा। समिति ने बताया कि उन्हें शासन द्वारा वर्ष 2009-10 में ग्राम मावन के सर्वे नंबर 679/1 रकबा 64.795 में 3 हेक्टेयर भूमि ईंट भ_ा जैसे पारंपरिक कार्यों के लिए आवंटित की गई थी, जिसकी राजस्व स्वीकृति तहसीलदार गुना के आदेश क्रमांक 5्र19/09-10 से दी गई थी। लेकिन हाल ही में अंबुजा सीमेंट फैक्ट्री के निर्माण के दौरान जब भूमि का सीमांकन कराया गया तो केवल 2 हेक्टेयर भूमि ही चिन्हित की गई, जबकि 1 हेक्टेयर भूमि पर अतिक्रमण पाया गया। समिति का आरोप है कि कई बार निवेदन के बावजूद संबंधित पटवारी नवल सिंह न तो पुराने राजस्व आदेश को मान रहे हैं और न ही पुन: उचित सीमांकन करने को तैयार हैं। जबकि इस भूमि पर समाज के अनेक परिवारों की जीविका टिकी हुई है। समिति ने मांग की है कि पुरानी आवंटित भूमि का दोबारा निरीक्षण कर 3 हेक्टेयर का पुन: सीमांकन कराया जाए और साथ ही 15 हेक्टेयर नई भूमि आवंटित की जाए, ताकि समाज के लोगों को आजीविका का अवसर मिले। समिति ने यह भी मांग की कि मिट्टी लाने और संसाधन उपयोग के लिए अनुमति प्रदान की जाए, ताकि ईंट निर्माण कार्य निर्बाध रूप से शुरू हो सके। इसके अलावा जन सुनवाई में भी तहसीलदार कमल सिंह मांड़ेलिया ने समिति को आश्वासन दिया था कि उनकी भूमि बढ़ाकर 15 हेक्टेयर की जाएगी और पूर्व में दी गई भूमि वापस सौंपी जाएगी। प्रजापति समाज ने इस बात पर भी रोष जताया कि अंबुजा सीमेंट फैक्ट्री के कार्य के चलते कई गरीब परिवारों के घर, ईंट भट्टे, जलस्रोत और पशुपालन की संरचनाएं क्षतिग्रस्त हो गई हैं। ऐसे में अडानी समूह से राहत राशि दिलवाना प्रशासन की जिम्मेदारी है। समिति ने जिला प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द इस मुद्दे पर निर्णय लेकर न सिर्फ भूमि आवंटन किया जाए बल्कि फैक्ट्री के कारण उत्पन्न नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा भी सुनिश्चित किया जाए। समिति का कहना है कि यदि समय रहते उनकी मांगों पर सुनवाई नहीं हुई तो वे सामूहिक रूप से धरना प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।- सीताराम नाटानी (ईएमएस)