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17-Jun-2025
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- इजराइली हमलों का जवाब दे रहा ईरान, दुनिया को सता रहा परमाणु हमले का डर नई दिल्ली,(ईएमएस)। दुनिया इजराइल-ईरान युद्ध को लेकर चिंतित है। जी-7 की बैठक के बीच में ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप वापस अमेरिका लौट गए हैं। ईरान-इजराइल युद्ध में दुनिया दो हिस्सों में बंटती नजर आ रही है। दुनिया के कई देशों को इस बात का डर है कि कहीं युद्ध लंबा चला तो हिरोशिमा और नागासाकी वाला हाल इजराइल और ईरान के किसी शहर में न हो जाए? दुनिया के कई देश खासकर मध्य-पूर्व के देशों को परमाणु बटन दबने को लेकर डरे हुए हैं। एक बड़ा सवाल है क्या 2025 में महाविनाश होने वाला है? इजराइल की ओर से ईरान के परमाणु ठिकानों पर हालिया हमलों और ईरान के जवाबी मिसाइल हमलों ने स्थिति को विस्फोटक बना दिया है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या यह टकराव परमाणु युद्ध की ओर बढ़ रहा है? क्या दुनिया को एक और हिरोशिमा-नागासाकी का सामना करना पड़ सकता है? विदेशी युद्ध विशेषज्ञों की मानें तो स्थिति भयावह है लेकिन दोनों देश परमाणु बम गिराने वाली स्थिति से बचेंगे। 13 जून 2025 को इजराइल ने ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए। इजराइली वायुसेना ने तेहरान, इस्फहान और नतांज में यूरेनियम संवर्धन केंद्रों को निशाना बनाया। इस हमले में ईरान के शीर्ष सैन्य कमांडर और छह प्रमुख परमाणु वैज्ञानिक मारे गए। इजराइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने दावा किया कि यह हमला ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकने के लिए जरूरी था, क्योंकि ईरान के पास नौ परमाणु बम बनाने लायक यूरेनियम है। वहीं, ब्रिटिश रक्षा विशेषज्ञ और रॉयल यूनाइटेड सर्विसेज इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर का मानना है कि ईरान के अंडरग्राउंड परमाणु ठिकाने जैसे फोर्डो और नतांज को पूरी तरह नष्ट करना इजराइल के लिए चुनौती है। इजराइल उसे छू भी नहीं सकता है। अगर इजराइल बार-बार हमला करता है तो ईरान क्षेत्रीय प्रॉक्सी समूहों जैसे हिजबुल्लाह और हूती के जरिए जवाब दे सकता है, जिससे युद्ध पूरे मध्य पूर्व में फैल सकता है। रूसी सैन्य विश्लेषक का मानना है कि परमाणु युद्ध की आशंका अभी कम है, लेकिन अगर इजराइल-ईरान के परमाणु ठिकानों पर और हमले करता है तो ईरान अपने मिसाइल कार्यक्रम को तेज कर देगा। ईरान ने हाल ही में इजराइल के गुप्त परमाणु ठिकानों की सूची हासिल करने का दावा किया है। अगर यह सच है तो ईरान जवाबी हमले में इजराइल के डिमोना रिएक्टर को निशाना बना सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर परमाणु युद्ध हुआ तो हिरोशिमा-नागासाकी से कहीं ज्यादा नुकसान होगा। इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी ने चेतावनी दी है कि परमाणु रिएक्टरों पर हमले से रेडियोधर्मी रिसाव हो सकता है, जो दशकों तक पर्यावरण को दूषित कर सकता है। जैसा कि 2011 के जापान में सुनामी आने के बाद फुकुशिमा हादसे में हुआ था। अमेरिकी रक्षा विशेषज्ञ का कहना है कि परमाणु युद्ध की स्थिति में मध्य पूर्व पूरी तरह से बदल जाएगा। यह न केवल इजराइल और ईरान बल्कि अमेरिका, रूस और चीन जैसे देशों को भी युद्ध में खींच सकता है। सिराज/ईएमएस 17जून25