* मुख्यमंत्री ने गुजरात राज्य संस्कृत बोर्ड की पांच प्रोत्साहक योजनाएं लॉन्च कीं * योजना का उद्देश्य प्राचीन भाषा संस्कृत के संरक्षण और संवर्धन के माध्यम से उसे जन-जन तक पहुंचाना अहमदाबाद (ईएमएस)| मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गुजरात राज्य संस्कृत बोर्ड के माध्यम से राज्य में संस्कृत भाषा और साहित्य का जनमानस में प्रचार-प्रसार करके प्राचीनतम भाषा संस्कृत को बढ़ावा देने तथा उसके संरक्षण और संवर्धन के लिए ‘योजना पंचकम्’ लॉन्च की। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंगलवार को गांधीनगर में आयोजित गुजरात राज्य संस्कृत बोर्ड की स्थायी समिति की बैठक में उन्होंने शिक्षा मंत्री डॉ. कुबेरभाई डिंडोर और संस्कृत बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. हिमांजय पालीवाल की उपस्थित में बोर्ड के लोगो का अनावरण भी किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘विकास भी, विरासत भी’ का मंत्र दिया है। इस मंत्र को हमारी प्राचीन भाषा संस्कृत के समयानुकूल संवर्धन और प्रचार-प्रसार के माध्यम से साकार करने के लिए राज्य सरकार ने 2020 में गुजरात राज्य संस्कृत बोर्ड की स्थापना की है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मार्गदर्शन में गुजरात राज्य संस्कृत बोर्ड ने संस्कृत भाषा और साहित्य का व्यापक प्रचार सुनिश्चित करने और इस प्राचीन भाषा को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से पहले चरण में संस्कृत सप्ताहोत्सव, संस्कृत संवर्धन सहायता योजना, संस्कृत प्रोत्साहन योजना और श्रीमद् भगवद गीता योजना तथा शत सुभाषित कंठ पाठ योजना यानी ‘योजना पंचकम्’ (पांच योजनाओं का समूह या संग्रह) लॉन्च की है। योजना पंचकम् में जिन पांच योजनाओं को शामिल किया गया है, उनमें संस्कृत सप्ताहोत्सव योजना के अंतर्गत 6 से 13 अगस्त 2025 के सप्ताह के दौरान पूरे गुजरात में विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं और अन्य संगठनों द्वारा संस्कृत सप्ताह मनाया जाएगा। समग्र वातावरण को संस्कृतमय बनाने के प्रयास किए जाएंगे। प्रति वर्ष श्रावण शुक्ल पूर्णिमा (रक्षाबंधन) को संस्कृत दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष शनिवार, 9 अगस्त 2025 को संस्कृत दिवस है, जिसके उपलक्ष्य में यह सप्ताह मनाया जाएगा। संस्कृत संवर्धन सहायता योजना के अंतर्गत बोर्ड संस्कृत भाषा और साहित्य के प्रचार-प्रसार के लिए कार्यशाला, सम्मेलन, प्रशिक्षण, नवाचार, समारोह और अनुसंधान जैसी विभिन्न गतिविधियों के लिए आवेदन करने वाली संस्था को आवश्यक वित्तीय सहायता प्रदान करेगा। संस्कृत प्रोत्साहन योजना के तहत जिन माध्यमिक स्कूलों में कक्षा 10 में नामांकन कराने वाले विद्यार्थियों की संख्या 100 से अधिक होगी, उन स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या को ध्यान में रखकर सभी विद्यार्थी संस्कृत विषय के साथ पढ़ाई करें, तो बोर्ड द्वारा संबंधित संस्था को वित्तीय सहायता दी जाएगी। श्रीमद् भगवद गीता योजना के अंतर्गत गुजरात के बच्चे-बूढ़े, सभी लोगों को वैश्विक ग्रंथ श्रीमद् भगवद गीता से परिचित कराने के प्रयास किए जाएंगे। शत सुभाषित कंठ पाठ योजना के अंतर्गत मानवीय मूल्यों के नैतिक विकास के लिए जनसमुदाय के बीच 100 सुभाषित उत्तम नागरिक के निर्माण के लिए रखे जाएंगे। गुजरात राज्य संस्कृत बोर्ड की स्थायी समिति की बैठक में मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल के समक्ष बोर्ड की गतिविधियों की प्रस्तुति दी गई। मुख्यमंत्री ने गुजरात सरकार की संस्कृत से संबंधित नीतियों और योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए नोडल एजेंसी के रूप में कार्यरत इस बोर्ड की गतिविधियों के दायरे और भविष्य की योजनाओं के संबंध में भी मार्गदर्शन दिया। बैठक में मुख्य सचिव पंकज जोशी, शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव सुनयना तोमर और प्रधान सचिव मुकेश कुमार, वित्त विभाग के प्रधान सचिव टी. नटराजन, मुख्यमंत्री की अपर प्रधान सचिव अवंतिका सिंह, उच्च शिक्षा आयुक्त दिलीप राणा, माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष एम.ए. पंड्या और बोर्ड के विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। सतीश/17 जून