ग्वालियर ( ईएमएस ) | सत्ता के मद में मदमश्त होकर प्रभावशाली लोगों द्वारा बड़े पैमाने पर गैर कानूनी और अमानवीय कृत्य किया जा रहा है ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसी घटनाओ की भरमार पड़ी हुई है क्योंकि शहर से दूर होने के कारण ऐसी घटनाएं उजागर नहीं हो पाती हैं | राजनीतिक संरक्षण प्राप्त लोग इतने बे खौफ़ हो गए हैं कि सरकारी रिकॉर्ड में छेड़छाड़ करके 8-10 गांव के आवागमन के मुख्य मार्ग को भी कब्जा कर रहे हैं डबरा तहसील से करीब 16 किलोमीटर दूर छिमक से सेन्तोल होकर गोबरा, कोसा, भामर, मिलघन, लिधौरा आदि गांव से होकर डबरा भितरवार हाई वे से मिलने वाली सड़क पर प्रभाव शाली लोगों द्वारा कब्जा किया जा रहा है इस क्षेत्र के ही महेंद्र पुत्र मुरारी लाल शर्मा जो कि भाजपा से अपनी नजदीकी के दम पर सरकारी दस्तावेजों में हेर फेर करके सड़क पर कब्जा कर लिया है सर्वे क्रमांक (बंदोबस्त पूर्व) 202 बंदोबस्त के बाद नया सर्वे 474 रकबा 0.080 हेक्टेयर वर्ष 1970-71 से वर्ष 2000 तक शासकीय भूमि मे सड़क थी इसके बाद दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा करके महेंद्र शर्मा ने आधी सड़क अपने नाम कर ली है सरकारी रास्ता बंद होने से हजारों लोगों का आवागमन मे कठिनाई पैदा होगी |जिसका सभी ग्रामीणजन पूरी तरीके से विरोध कर रहे हैं | मध्य प्रदेश किसान सभा कार्यालय मे प्रभावित ग्रामीण जन आज की पत्रकार वार्ता के माध्यम से शासन प्रशासन और आम जनता के बीच इस अन्याय पूर्ण कृत्य को उजागर करना चाहते है, मध्य किसान सभा उक्त मामले मे मुख्य आरोपी एवं इस षड्यंत्र मे शामिल अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाही एवं सड़क पर कब्जा निरस्त कराने की मांग को लेकर 20 मई को एस डी एम कार्यालय डबरा प्रदर्शन करने की घोषणा की है | आज की पत्रकार वार्ता मे किसान सभा के प्रदेश महासचिव अखिलेश यादव, किसान नेता सुग्रीव सिंह कुशवाह एवं जिला अध्यक्ष तलविंदर सिंह हाकिम सिंह कुशवाह, बीरबल सिंह चेन के अलावा गांवों के प्रतिनिधि किसान श्रीराम बाथम, (सिंह पुर) मोहम्द मकसूद, दौलत सिंह कुशवाह (मिलघन) राम नाथ पूर्व सरपंच , अतिबल सिंह (सैंतोल) कप्तान सिंह पटेल, कमल सिंह बघेल, प्रभु राम (गोबरा) गुलाब सिंह रावत, रमेश सिंह कुशवाह,, प्रकाश जाटव(कोसा), सरदार सतनाम ससिंह, दिल बाग सिंह (भाम्भर) किसान आदि शामिल थे |