राष्ट्रीय
18-Jun-2025
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महाराष्ट्र सरकार ने पहली से पांचवी कक्षा तक हिंदी की अनिवार्य मुंबई,(ईएमएस)। महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार ने स्कूलों में पहली से पांचवी कक्षा तक के छात्रों के लिए हिंदी को अनिवार्य तीसरी भाषा बनाने का आदेश दिया है। इसको लेकर बुधवार को बवाल खड़ा हो गया। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने जो पहली से पांचवीं तक हिंदी के सख्ती का फैसला लिया है, 17 जून को मैंने पत्र लिखा था कि ऐसा ना करें। हिंदी कोई राष्ट्र भाषा नहीं है। राज ठाकरे ने कहा कि सीएम फडणवीस ने मुझसे कहा था कि हम हिंदी अनिवार्यता का फैसला वापस ले रहे हैं, जिसके चलते मैंने पांच दिन पहले यह पत्र लिखा था जो अब मैं स्कूल के प्रिंसिपल को भेज रहा हूं। उन्होंने कहा कि हिंदी सिर्फ एक राज्य भाषा है राष्ट्र की नहीं है। नए बच्चों को यह सब ना सिखाएं। उसे जो भाषा सिखनी है, बड़े होकर समझ जाएगा। आईएएस लॉबी का दबाव है क्या? तो यहां तीसरी भाषा का दबाव क्यों है? उन्होंने कहा कि यूपीप में तीसरी भाषा कौन सी सिखाएंगे। शिक्षा मंत्री कह रहे हैं, यह ऑप्शनल भाषा है तो 6वीं से रखो ना पहली से क्यों रखना है। यह तो राज्य भाषा है, तो यह भाषा क्यों थोप रहे हैं? यूपी, बिहार और एमपी में तीसरी भाषा क्या मराठी सिखाएंगे। गुजरात में भी हिंदी जरूरी नहीं है। महाराष्ट्र सरकार के आदेश के मुताबिक मराठी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में पहली से पांचवी कक्षा तक के सभी छात्र अब अनिवार्य रूप से तीसरी भाषा के रूप में हिंदी का अध्ययन करेंगे। जो छात्र हिंदी के विकल्प के रूप में कोई अन्य भाषा सीखना चाहते हैं, उनकी संख्या 20 से ज्यादा होनी चाहिए। सिराज/ईएमएस 18जून25 -----------------------------