हैदराबाद (ईएमएस)। पालतु कुत्ते का उपयोग मोहल्ले के लोगों को डराने के लिए किया गया। इसकी शिकायत हुई तो नगर निगम इस कुत्ते को उठा ले गई। फिर,एक बुजुर्ग ने तेलंगाना हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उसका आरोप था कि ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम यानी जीएचएमसी के अधिकारी उसके घर आए बिना उसकी इजाजत के जबरन उनके पेट डॉग एरेस को उठाकर ले गए। मालिक का आरोप है कि कुत्ता नियमों और कानूनों को ध्यान में रखते हुए ही खरीदा गया था। सभी नियमों का पालन किया गया है। कोर्ट ने भी माना कि नगर निगम की कार्रवाई कानून की उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना और जानवर के लिए पर्याप्त चिकित्सा देखभाल के बिना की गई थी। अदालत ने कुत्ते को रिहा करते समय मालिक पर शर्तें भी लगाईं। न्यायमूर्ति बी विजयसेन रेड्डी ने चिक्कड़पल्ली के 58 वर्षीय शख्स ज्योतिषी ईबी दक्षिणा मूर्ति दायर याचिका पर अंतरिम आदेश पारित किया। पुलिस शिकायत के आधार पर नगर निगम ने यह एक्शन लिया था। कुत्ते को एक छोटे से पिंजरे में बंद कर नगर निगम वाले दयनीय स्थिति में रख रहे हैं। दलीलों को सच मानते हुए हाईकोर्ट ने पेट डॉग को तुरंत रिहा करने का निर्देश दिया। हालांकि वो अपने उस घर में नहीं लौट पाएगा, जहां वो मालिक के साथ रह रहा था। याचिका में मूर्ति ने कहा कि उनके पेट डॉग को बिना उचित खाने और चिकित्सा देखभाल के एक छोटे से पिंजरे में बंद कर दिया गया था और अदालत से उसे रिहा करने का निर्देश देने का आग्रह किया। मूर्ति ने तर्क दिया कि वैध पालतू लाइसेंस होने के बावजूद उनके कुत्ते को 19 मई को जीएचएमसी अधिकारियों ने उनके भाई ईबी नरसिम्हा मूर्ति की शिकायत के आधार पर जबरन ले लिया। पुलिस और जीएचएमसी के अनुसार इस संबंध में पेट डॉग के मालिक के भाई ने शिकायत दर्ज कराई थी। आरोप लगाया कि कुत्ते का इस्तेमाल उसे और अन्य निवासियों को धमकाने के लिए किया जा रहा था। शिकायत के कारण भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के विभिन्न प्रावधानों के तहत चिक्कड़पल्ली पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की गई। अधिकारियों ने मेडिकल रिकॉर्ड भी प्रस्तुत किए, जिसमें दिखाया गया कि शिकायतकर्ता को कुत्ते के कारण कथित रूप से चोटें आई थीं। हालांकि, अदालत ने कहा कि जीएचएमसी ने याचिकाकर्ता को नोटिस जारी किए बिना या कुत्ते की उचित देखभाल सुनिश्चित किए बिना कार्रवाई की थी। कोर्ट ने माना कि पेट डॉग को जब्त करते वक्त उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था। अदालत ने मालिक को आदेश दिया कि वो इस डॉग को अपने मौजूदा घर नहीं रखेगा। वीरेंद्र/ईएमएस/20जून2025