वैश्विक स्तरपर सर्वविदित है कि भारत आदि अनादि काल से ही योग का गढ़ रहा है,करीब 5000 वर्ष पुरानी भारतीय परंपरा से निकली योग की विद्या आज वर्ल्ड वाइस मूवमेंट का हिस्सा बन गई है।आधुनिक दुनियाँ में पूरा विश्व अब योग की अहमियत समझ चुका है व इसका सटीक असर भी दिखाई दे रहा है। इस बार अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग है। 2025 एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है क्योंकि यह इस वैश्विक उत्सव की 11वीं वर्षगांठहै।इसके अलवा इस वर्ष के उत्सव में 10 हस्ताक्षर कार्यक्रम शामिल हैं, जिनमें प्रमुख कार्यक्रम, योग संगम शामिल है, जो पूरे भारत में 1,00,000 स्थानों पर सामूहिक योग प्रदर्शन प्रदर्शित करता है।अन्य नौ कार्यक्रम हैं योग बंधन, योग पार्क, योग समावेश, योग प्रभाव, योग कनेक्ट, हरित योग, योग अनप्लग्ड, योग महाकुंभ और समयोग। आयुष मंत्रालय के केंद्रीय राज्य मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 21 जून 2025 को राष्ट्रीय कार्यक्रम आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में आयोजित होगा,जहां पीएम 5 लाख से अधिक प्रतिभागियों के साथ कॉमन योग प्रोटोकॉल(सीवाईपी) सत्र का नेतृत्व करेंगे। इसके साथ ही, देश भर में एक लाख से अधिक स्थानों पर योग संगम सत्र आयोजित किए जाएंगे, जो इसे इतिहास में सबसे बड़े समन्वित योग प्रदर्शनों में से एक बनाएगा।उन्होंने “योगआंध्र” अभियान - जो राज्य भर में 10 लाख नियमित योग अभ्यासियों का समुदाय तैयार करने की एक महत्वाकांक्षी पहल है।चूँकि एक पृथ्वी एक स्वास्थ्य के लिए योग सर्वे संतु निरामया यानें सभी रोग मुक्त हों तथा 11वाँ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2025 को ऐतिहासिक बनाने क़े लिए तैयारियां जोरों पर है, विशाखापट्टनम में 5 लाख प्रतिभागियों के साथ पीएम बड़ा कॉमन योग प्रोटोकॉल का नेतृत्व करेंगे। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस न केवल भारतीय संस्कृति की गौरवशाली विरासत का प्रतीक है, बल्कि सम्पूर्ण मानवता को स्वास्थ्य, शांति और सामंजस्य की दिशा में एक वैश्विक संदेश भी देता है। योग, जो शरीर, मन और आत्मा के बीच संतुलन स्थापित करता है,आजआधुनिक जीवनशैली से उत्पन्न तनाव, रोग और मानसिक असंतुलन का प्राकृतिक समाधान बन चुका है।योग केवल व्यक्तिगत साधना नहीं, बल्कि वैश्विक स्वास्थ्य और सौहार्द की दिशा में एक समवेत प्रयास है। विश्व के कोने-कोने में करोड़ों लोग योग को अपने जीवन का हिस्सा बना रहे हैं, जिससे यह दिवस एक वैश्विक जनांदोलन का स्वरूप ग्रहण कर चुका है। इस अवसर पर भारत समेत दुनिया भर में लाखों स्थानों पर सामूहिक योग अभ्यास, कार्यशालाएं औरजनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जो योग को जीवनशैली का हिस्सा बनाने हेतु प्रेरित कर रहे हैं। योग दिवस की यह प्रस्तावना हमें आत्म-निरीक्षण, सामूहिक एकता और समग्र स्वास्थ्य की दिशा में बढ़ने का आह्वान करती है।चूँकि योग प्राचीन भारत की देन आधुनिक विश्व की ज़रूरत, आत्मा और शरीर का महासंगम है,इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे,11वाँ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2025, एक धरती एक स्वास्थ्य,योग से विश्व कल्याण विश्व शांति और स्वास्थ्य की ओर कदम है, जो रेखांकित करने वाली बात है। साथियों बात अगर हम योग के महत्व की करें तो, योग विश्व को प्राचीन भारतीय परंपरा का एक अमूल्य उपहार है। यह न केवल आपके शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है बल्कि आपके मानसिक स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देता है। योग के अभ्यास का सम्मान करने और दुनिया भर में इसके लाभों को बढ़ावा देने के लिए हर साल 21 जून को विश्व अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाता है। काम, तनाव, और व्यस्त दिनचर्या के कारण शरीर और दिमाग दोनों थक जाते हैं, ऐसे में हमें अपनी सेहत का ख्याल रखना बेहद जरूरी हो जाता है, योग इसी जरूरत को पूरा करने वाला एक प्राकृतिक और आसान तरीका है। साथियों बात अगर हम योग के मकसद की करें तो,आज की तेज रफ्तार जिंदगी में सेहत काख्याल रखना बहुत जरूरी हो गया है, काम की व्यस्तता और तनाव के कारण हम अपने शरीर और दिमाग को सही आराम और ध्यान नहीं दे पाते, ऐसे में योग हमारे लिए एक बहुत बड़ा सहारा बनकर आता है, योग न सिर्फ हमारे शरीर को फिट रखता है बल्कि मन को भी शांत और सुकून देने में मदद करता है। इस दिन लोग योग के फायदे जानने और अपनाने की कोशिश करते हैं। योग दिवस मनाने का मकसद लोगों को योग के फायदों से परिचित कराना है, आज के दौर में जहां लाइफ स्टाइल बदल गई है, वहां शरीर और दिमाग पर तनाव भी बढ़ गया है, योग इन सभी समस्याओं को कम करने में मदद करता है, इससे शारीरिक बीमारियां दूर होती हैं और मानसिक संतुलन भी बना रहता है, इसलिए विश्व स्तरपर योग दिवस मनाकर योग की अहमियत को बढ़ावा दिया जाता है, इसके साथ ही यह दिन दुनिया को एक साथ लाने और स्वास्थ्य की ओर ध्यान देने का संदेश भी देता है।योग के फायदे-योग हमारे शरीर को लचीला, मजबूत और स्वस्थ बनाता है, इसके नियमित अभ्यास से हृदय संबंधी रोग, मोटापा, तनाव, चिंता और कई दूसरी बीमारियां दूर रहती हैं. योग मन को शांत करता है और सोचने -समझने की शक्ति बढ़ाता है, साथ ही यह नींद को बेहतर बनाता है और शरीर में ऊर्जा का संचार करता है। इसीलिए योग सिर्फ एक व्यायाम नहीं, बल्कि एक स्वस्थ लाइफ स्टाइल है। साथियों बात अगर हम 100 दिनों से चल रही योग श्रृंखला की करें तो, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 में 100 दिनों तक चलने वाले दस सिग्नेचर इवेंट यानी प्रमुख कार्यक्रम आयोजित होंगे, जिन्हें समाज के विभिन्न वर्गों के साथ तालमेल बिठाने और योग को जीवन के समग्र तरीके के रूप में बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है। - समावेशिता के लिए योग समावेश से लेकर अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी के लिए योग बंधन तक - ये कार्यक्रम योग को मैट(चटाई) से लेकर आम जनता तक ले जाने के सरकार के रणनीतिक विज़न को दर्शाते हैं। दिल्ली, भुवनेश्वर, नासिक और पुदुचेरी में क्रमशः100 दिवसीय, 75 दिवसीय, 50 दिवसीय और 25 दिवसीय आयोजनों की श्रृंखला के प्रति जनता की उत्साहपूर्ण प्रतिक्रिया ने मुख्य कार्यक्रम की ओर अग्रसर होने में अहम योगदान दिया है।योग केवल आसन करने और सांस लेने का अभ्यास भर नहीं है - यह जीवन जीने का एक तरीका है, मीडिया क़े सहयोग से लक्ष्य अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 को एक ऐसा ऐतिहासिक आयोजन बनाना है, जो लाखों लोगों को योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करने के लिए प्रेरित करे और एक स्वस्थ, खुशहाल और अधिक सामंजस्यपूर्ण समाज के निर्माण में सहायता करे। साथियों बात अगर हम योग के प्राचीन विरासत होने की करें तो, भारतीय संस्कृति में योग रचा- बसा है। मन-मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए प्राचीन भारत में ऋषियों ने योग के उच्चतम विधा को अपनाया और खुद को आत्मनियंत्रित किया। माना जाता है कि योग शरीर की इंद्रियों को नियंत्रित करने की क्षमता देता है जिससे निरोग रहा जा सकता है। योग भगाए रोग तो सदियों पुरानी कहावत है। लेकिन समय का पहिया घूमा और हम आधुनिकता की अंधी दौड़ में शामिल हो गए। जीवन की आपाधापी के बीच अपनी प्राचीन पद्धति को भूलने लगे जिसका खामियाजा तमाम तरह की शारीरिक बीमारियों के रूप में भुगतना पड़ रहा है।हालांकि, बीते कुछेक सालों में देश ही नहीं दुनिया ने योग की उपयोगिता को समझा और इसको अपनी दिनचर्या में शामिल किया। दुनिया को योग से नए सिरे से परिचित कराने में 21 जून का भी कम योगदान नहीं है। साथियों बात अगर हम योग दिवस 21 जून के इतिहास की करें तो, पहली बार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया। पहल पीएम ने की थी। 27 सितम्बर 2014 को उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक प्रस्ताव रखा था। इस प्रस्ताव को 11 दिसम्बर, 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने पूर्ण बहुमत से पास किया। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 193 सदस्यों में से 177 ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को मनाने के प्रस्ताव को ध्वनिमत से मंजूरी दी। इस प्रस्ताव को 90 दिन के अन्दर पूर्ण बहुमत से पारित किया गया, जो संयुक्त राष्ट्र संघ में किसी दिवस प्रस्ताव के लिए सबसे कम समय है।21 जून, 2015 को नई दिल्ली में आयोजित भव्य कार्यक्रम में, पहले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस ने दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड हासिल किए थे, सबसे बड़ा योग सत्र, 35,985 प्रतिभागियों के साथ, और एक सत्र में सबसे अधिक राष्ट्रीयताओं (84) के लिए।अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का उद्देश्य दुनिया भर में योग के अभ्यास के कई लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। योग मन और शरीर, सोच और क्रिया का एकीकरण है जो एक समग्र दृष्टिकोण है जो हमारे स्वास्थ्य और कल्याण के लिए फायदेमंद है। अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि 11वाँ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2025- एक धरती एक स्वास्थ्य, योग से विश्व कल्याण विश्व शांति और स्वास्थ्य की ओर कदम योग प्राचीन भारत की देन, आधुनिक विश्व की ज़रूरत आत्मा और शरीर का महासंगम।अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2025-वैश्विक एकता की ओर बढ़ता भारत का आध्यात्मिक उपहार-200 से अधिक देशों की अभूतपूर्व वैश्विक भागीदारी से होगा वैश्विक संगम। (-संकलनकर्ता लेखक - क़र विशेषज्ञ स्तंभकार साहित्यकार अंतरराष्ट्रीय लेखक चिंतक कवि संगीत माध्यम सीए (एटीसी) एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र ) ईएमएस /20 जून 25