21-Jun-2025


नई दिल्ली (ईएमएस)। ईरान से भारत लौट रहे लोग जहां सरकार और एंबेसी का शुक्रिया अदा कर रहे हैं, वहीं कुछ भारतीय ऐसे भी हैं जिनका सोचना है कि ईरान की जमीन पर शहीद हो जाना बेहतर था। अभी इजराइल और ईरान के बीच चल रही लड़ाई में भारत सरकार अपने देश के नागरिकों को सुरक्षित वापस लाने के लिए ऑपरेशन सिंधु चला रही है। इस बीच कुछ लोग यह कह रहे हैं कि ईरान की पाकीजा जमीन पर शहीद होने का वक्त है, शहादत से अच्छी मौत नहीं। ऐसा कहना है दिल्ली की रहने वाली निदा के पति का जो अपनी पत्नी को रिसीव करने दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचे थे। लगातार ऑपरेशन सिंधु के तहत भारत के लोगों को सुरक्षित वापस लाने का प्रयास भारत सरकार की तरफ से किया जा रहा है। आज तीसरा जत्था भारतीयों को लेकर दिल्ली एयरपोर्ट पर लैंड किया, जिसमें 56 भारतीय सवार थे। इन्हीं में से एक परिवार निदा का है, जिनके पति उन्हें रिसीव करने दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे। निदा के पति ने कहा कि इंसान शहीद होके अमर रहेगा। शहादत से अच्छी मौत नहीं है। यहां आने से बेहतर वहां की मौत थी। जो वहां मरता, अमर हो जाता। ईरान की जमीन पाक है, अभी वहां शहीद होने का वक्त है। दिल्ली की रहने वाली निदा ने जानकारी दी कि वह 3 जून को ईरान गई थीं। वहां उन्होंने सरकार से मदद मांगी। ईरान में नेटवर्क स्लो होने की वजह से उनकी किसी से बात नहीं हो पा रही थी। इसलिए भारत वापस आने पर उन्होंने सरकार का तहे दिल से शुक्रिया अदा किया। निदा ने बताया कि केवल बॉर्डर पर दिक्कतें हुईं, फिर सुरक्षित भारत आ गए। वहीं, अपनी पत्नी के ईरान में फंसे रहने को निदा के पति अच्छा बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी ईरान की पाकीजा जमीन पर शहीद होने का वक्त है। निदा के पति ने कहा कि वहां भी सुकून था। बस कनेक्टिविटी नहीं थी। हमारे सुप्रीम लीडर ने कहा कि इंसान शहीद हो इससे अच्छा क्या होगा। शहीद होकर इंसान अमर रहेगा। निदा के पति का कहना है हमारे शिया में मानना है कि शहादत से अच्छी मौत नहीं है। यहां आने से बेहतर वहां शहीद होना सही था। किसी का अमर होना अलग बात है। जब वक्त पड़ेगा तब भारत के लिए भी शहीद होंगे। अभी वहां के लिए शहीद होने का वक्त है। अजीत झा/ देवेन्द्र/नई दिल्ली/ईएमएस/21/जून/2025