राष्ट्रीय
22-Jun-2025
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नई दिल्ली,(ईएमएस)। अमेरिका ने शनिवार को ईरान के परमाणु ठिकानों पर जो बम बरसाए है वो दुनिया में किसी देश के पास नहीं है। इस हमले के लिए अमेरिका ने बी-2 स्टेल्थ बॉम्बर और जीबीयू 57 ए/बी एमओपी बमों का इस्तेमाल किया। साधारण भाषा में कहें तो यह बम नहीं, बल्कि महाबम है। जीबीयू-57 मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर (एमओपी) बेहद खतरनाक है। इसे खासतौर पर जमीन के अंदर बनाए गए ठिकानों पर हमले के लिए तैयार किया गया है। यह मजबूत से मजबूत बंकर और टनल को तबाह करने में सक्षम है। यह मिलिट्री जीपीएस से चलता है कठिन से कठिन लक्ष्य को भी भेदने में कामयाब रहता है। एमओपी लंबाई में 20.5 फीट का होता है और इसका डायामीटर 31.5 इंच का रहता है। अगर वजन की बात करें तो यह 30 हजार पाउंड से कुछ कम वजनी होता है। एमओपी के अंदर 5300 पाउंड विस्फोटक होता है। बताया जाता है कि यह अपने पहले के हथियार बीएलयू-109 की तुलना में दस गुना अधिक घातक है। इस घातक हथियार को बोइंग ने बनाया है। बोइंग जीबीयू-57 को 2015 में तैयार किया था। एयरोस्पेस कंपनी से 20 ऐसे जीबीयू-57 बनाने के लिए संपर्क किया गया था। अपने वजन के चलते जीबीयू-57 अमेरिका में तैयार किया गया सबसे वजनी बम है। सबसे खास बात है कि यह बम केवल अमेरिका के ही पास है। एमओपी को जो बात सबसे अलग बनाती है, वह है इसकी जमीन के अंदर तबाही मचाने की क्षमता। यह जमीन के 200 फीट के अंदर जाकर धमाका करता है। इसे एक खास किस्म की हाई-परफॉर्मेंस वाली स्टील की परतों में सुरक्षित किया जाता है। इससे एमओपी बड़े विस्फोटक पेलोड्स को ले जाने में सक्षम होता है। साथ ही इसकी जमीन के अंदर घुसने की क्षमता भी प्रभावित नहीं होती। इजरायल भी चाहता था अमेरिका हमला करे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का दावा है कि उसने ईरान के फोर्दो परमाणु ठिकाने को नुकसान पहुंचाया है। बता दें कि यह परमाणु ठिकाना जमीन के नीचे है और बेहद मजबूत माना जाता है। ऐसे में फोर्दो परमाणु ठिकाने पर साधारण हमले से कोई खास असर भी नहीं होने वाला था। यही वजह थी कि इजरायल चाह रहा था कि अमेरिका अपने इस घातक हथियार का इस्तेमाल करके ईरान को नुकसान पहुंचाए। वीरेंद्र/ईएमएस/22जून2025