नई दिल्ली(ईएमएस)। मौसम पर नजर रखने वाले जानकारों को भी बदरा धोखा दे रहे हैं। हालात ये हैं कि कई बार अलर्ट जारी होता है पर बारिश नहीं होती। ये अनुमान कई बार फेल हुए हैं। मौसम विभाग के लिए मई और जून में मौसम का आकलन करना काफी जटिल हो रहा है। मौसम विभाग की पूर्वानुमान सटीकता भी इन दो महीनों में सबसे कम रहती है। 2025 में भी मई की पूर्वानुमान सटीकता महज 81 प्रतिशत रही। यह छह सालों में सबसे कम है। जून में भी इस साल पूर्वानुमान कई बार अच्छा नहीं रहा। तीन दिन पहले रेड अलर्ट जारी किया था जिसे बाद में वापस लेना पड़ा। मानसून भी 22 जून तक पहुंचने का पूर्वानुमान किया गया था, लेकिन लोग बीते चार दिनों से बारिश का इंतजार कर रहे हैं। मई में भी कई मौकों पर आंधी का पूर्वानुमान करने में मौसम विभाग विफल रहा। वहीं जून में भी कई बार बारिश का पूर्वानुमान किया गया, लेकिन बारिश चकमा दे गई। या फिर बिना पूर्वानुमान के बारिश आ गई। बारिश शुरू होने के बाद रेड अलर्ट जारी किया गया। आईएमडी के अनुसार, पूरे साल की बात करें तो मई तक इस साल का एक्यूरेसी रेट बीते साल की तुलना में थोड़ा सा सुधरा है। जनवरी से मई 2025 तक यह 92 प्रतिशत रहा है। 2024 में मई तक की पूर्वानुमान सटीकता 91 प्रतिशत थी। इसमें भी प्री मॉनसून सीजन की सटीकता मई तक महज 88 प्रतिशत रही है। प्री मॉनसून सीजन मार्च से मई तक रहता है। यह छह सालों में सबसे कम है। आईएमडी के एक अधिकारी ने बताया कि दूर दराज में बन रहे सिस्टम के अलावा छोटे स्तर पर होने वाली गतिविधियां भी जरूरी बदलाव करने में सक्षम होती हैं। कोई भी मॉडल और तकनीक 100 प्रतिशत सही पूर्वानुमान नहीं कर सकती। 24 घंटे के पूर्वानुमान में आईएमडी की एक्यूरेसी 80 प्रतिशत से ज्यादा है। इसके अलावा 5 दिनों के पूर्वानुमान में भी यह 60 प्रतिशत से अधिक की है। आईएमडी अधिकारी के अनुसार, मॉनसून और प्री मानसून सीजन में पूर्वानुमान काफी जटिल होता है। इसके कई फैक्टर होते हैं। मई, जून में तापमान बहुत अधिक होता है और उस समय हवाओं के साथ नमी भी आने लगती हैं। इसकी वजह से पहाड़ और महासागर में बनने वाले सिस्टम दिल्ली में मौसमी बदलाव करते हैं। लेकिन इसके साथ-साथ लोकल स्तर पर भी कई कारण कई बार बादलों को बनने में मदद करते हैं। अधिकारी के अनुसार, प्री मॉनसून में खासतौर पर पूर्वानुमान आंधी और इन्हीं लोकल वजहों की वजह से काफी ट्रिकी हो जाता है। वीरेंद्र/ईएमएस/23जून2025