वॉशिंगटन (ईएमएस)। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को जबरियां श्रेय लेने के आदी हो गए हैं। भारत पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने का श्रेय लेने की कोशिश ट्रंप ने की थी। हालांकि भारत ने इसे पूरी तरह नकार दिया था। अब ईरान और इजरायल के बीच होने वाले सीजफायर का श्रेय लेने के लिए जबरिया कूद रहे हैं। जबकि इसमें सबसे बड़ी भूमिका कतर की बताई जा रही है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान कर दिया है कि ईरान और इजरायल के बीच संघर्ष विराम समझौता हो गया है। ईरान ने सीजफायर की बात को पहले खारिज करने के बाद अब स्वीकार कर लिया है। वहीं, इजरायल से आधिकारिक प्रतिक्रिया बाकी है। खबर हैं कि इस सीजफायर में कतर ने अहम भूमिका निभाई है। ईरान और इजरायल के बीच करीब दो सप्ताह से खूनी संघर्ष जारी है। खबर है कि ट्रंप ने सोमवार दोपहर इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर बात कर सीजफायर समझौता तय किया। व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है। यह घटनाक्रम ऐसे समय पर हो रहा है, जब ईरान और इजरायल के युद्ध में अमेरिका भी कूद पड़ा था। अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले का दावा किया था। इजरायल ने सोमवार को तेहरान में ईरानी सरकार के ठिकानों पर कई हमले किए, वहीं इजरायली सेना ने पुष्टि की कि उसने ईरान के फोर्दो संवर्धन प्रतिष्ठान तक पहुंच को बाधित करने के लिए उसके आसपास की सड़कों पर हमला किया। फोर्दो संवर्धन प्रतिष्ठान रविवार को अमेरिका द्वारा निशाना बनाये गए तीन परमाणु प्रतिष्ठानों में से एक था। ईरान ने भी इजरायल पर मिसाइल और ड्रोन से हमले किए। ईरान ने इजरायल पर हमले अमेरिका द्वारा एक दिन पहले ईरानी परमाणु प्रतिष्ठानों को निशाना बनाकर किए गए हमलों के बाद किए। इजरायल के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि तेहरान पर किए गए हमलों में वहां की कुख्यात एविन जेल और अर्धसैनिक बल रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के सुरक्षा मुख्यालय को निशाना बनाया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल थानी ने तेहरान को अमेरिका की तरफ से प्रस्तावित सीजफायर के लिए मनाया। हालांकि, इस पर कतर ने आधिकारिक बयान नहीं दिया है हाल ही में ट्रंप और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने कतर के आमिर से संपर्क साधा था और तनाव कम करने के लिए मदद मांगी थी। एक अधिकारी ने बताया, ट्रंप ने आमिर को बताया है कि इजरायल सीजफायर के लिए मान गया है और कतर से मदद मांगी कि इस पर ईरान को भी सहमत कराया जाए। इसके कुछ समय बाद ही कतर के पीएम ने ईरानी अधिकारियों से संपर्क साधा और समझौते पर तेहरान की सहमति ली। चर्चा में एक ईरानी अधिकारी ने माना है कि कतर की मध्यस्थता वाले सीजफायर को तेहरान ने स्वीकार कर लिया है।ईरान के विदेश मंत्री सैयद अब्बास अरागची ने कहा, सुबह 4 बजे तक आखिरी समय तक इजरायल को सजा देने के लिए हमारे ताकतवर सशस्त्र बलों की सैन्य कार्रवाई जारी रही। सभी ईरानियों के साथ मिलकर मैं हमारे बहादुर सशस्त्र बलों का धन्यवाद देता हूं, जो खून की आखिरी बूंद तक देश के लिए खड़े रहे और जिन्होंने आखिरी समय तक दुश्मन के हर हमले का जवाब दिया।