कथक में नदियों के संरक्षण गाथा भोपाल(ईएमएस)। जल गंगा संवर्धन अभियान अंतर्गत सदानीरा समागम के चौथे दिन भारत भवन के अंतरंग सभागार में कालिंदी-आज की कथा नृत्य नाटिका की प्रस्तुति हुई। आर्टिकुलेट ट्रस्ट फॉर आर्ट्स द्वारा तैयार की गयी इस प्रस्तुति में नदियों के संरक्षण और उनके स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता को दर्शाया गया है। इस संपूर्ण कथा का मंचन मुख्यतः कथक की शास्त्रीय शैली में किया गया, उसमें आदिवासी नृत्य, अनुष्ठानिक गतिविधियाँ और पशु-जीवन की गति-विधियों को भी कलात्मक रूप से सम्मिलित किया गया था। पशुओं में उत्पन्न परिवर्तन और विकृति को नाट्यबद्ध शैली में प्रस्तुत करने के लिए मुखौटों, प्रकाश और ध्वनि प्रभावों का रचनात्मक उपयोग किया गया। यह नृत्य-नाटिका इस द्वंद्वात्मक प्रश्न पर समाप्त होती है। इस प्रस्तुति का नृत्य संयोजन व निर्देशन लखनऊ घराने के वरिष्ठ कथक गुरु मैसूर बी. नागराज तथा सह-निर्देशन डॉ. लक्ष्मीनारायण जेना द्वारा किया गया। कलाकारों का स्वागत वीर भारत न्यास के न्यासी सचिव श्रीराम तिवारी एवं राजाभोज शोध प्रभाग के निदेशक संजय यादव ने किया। हरि प्रसाद पाल / 23 जून, 2025