राष्ट्रीय
25-Jun-2025


नई दिल्ली,(ईएमएस)। ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय ने वकीलों के भारी विरोध और हंगामे के बाद अपने कदम को पिछले दिनों वापस पीछे खींच लिया। इसी के साथ वरिष्ठ अधिवक्ता प्रताप वेणुगोपाल और अरविंद दातार को जारी किए गए समन को तत्काल प्रभाव से वापस भी ले लिया गया। यहां बताते चलें कि ईडी की यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन (एससीएओआरए) और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) जैसे कानूनी संगठनों की कड़ी निंदा और मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई को लिखे गए पत्र के बाद ही हो पाई है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने भी इस मामले में एक बयान जारी कर ईडी की कार्रवाई की निंदा की। एससीबीए के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने इसे न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप और वकीलों की स्वतंत्रता पर हमला बताया। उन्होंने कहा कि वकीलों को उनके पेशेवर कर्तव्यों के लिए समन जारी करना लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है। यहां ईडी सफाई देती नजर आई जिसमें उसने कहा कि वेणुगोपाल को जारी किया गया समन एक कंपनी के स्वतंत्र निदेशक के तौर पर उनकी हैसियत से जारी किया गया था और इसे “वापस ले लिया गया है। उन्हें इस बारे में सूचित कर दिया गया है। जांच एजेंसी ने कहा, उक्त पत्र में यह भी कहा गया है कि यदि सीएचआईएल के स्वतंत्र निदेशक के रूप में उनसे किसी दस्तावेज की आवश्यकता होगी तो उन्हें ईमेल के माध्यम से प्रस्तुत करने का अनुरोध किया जाएगा। दातार के खिलाफ जारी समन के मामले में एजेंसी सूत्रों ने कहा कि उनके खिलाफ जारी समन वापस नहीं लिया गया है, बल्कि स्थगित रखा गया है तथा उन्हें ऐसा कोई नया नोटिस जारी नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही ईडी ने कहा कि उसने अपने जांच अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत वकील-मुवक्किल विशेषाधिकार का उल्लंघन करते हुए किसी भी वकील को समन जारी न करें और इस संबंध में कोई भी अपवाद एजेंसी के निदेशक द्वारा अप्रूवल के बाद ही किया जा सकता है। धन शोधन अपराधों से निपटने के लिए कार्यरत केंद्रीय एजेंसी ईडी ने एक बयान में कहा कि उसने क्षेत्रीय इकाइयों के मार्गदर्शन के लिए एक सर्कुलर जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 की धारा 132 का उल्लंघन करते हुए किसी भी वकील को कोई समन जारी नहीं किया जाएगा। ईडी ने कहा, इसके अलावा, यदि बीएसए, 2023 की धारा 132 के प्रावधान में दिए गए अपवादों के तहत कोई समन जारी करने की आवश्यकता है, तो उसे केवल ईडी के निदेशक की पूर्व स्वीकृति से ही जारी किया जाएगा। ईडी को लेकर देश में जिस तरह का माहौल बना हु आ है उसके बाद ईडी का यह कदम वापस लेना लगातार चर्चाओं में बना हुआ है। कानूनी बिरादरी तो ईडी की कार्यप्रणाली पर तीखी आलोचना कर चुकी है, लेकिन अब अन्य प्रमुख मामलों पर चर्चा गरमा गई है। हिदायत/ईएमएस 25जून25