-चार राज्यों के मुख्यमंत्रियों समेत 120 अधिकारियों ने लिया हिस्सा वाराणसी,(ईएमएस)। काशी में सोमवार शाम से शुरू हुई 25वीं सेंट्रल जोनल काउंसिल (केंद्रीय क्षेत्रीय परिषद) की बैठक में गृहमंत्री अमित शाह ने चार राज्यों मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों और करीब 120 अधिकारियों के साथ मिलकर सुरक्षा और विकास से जुड़े अहम मुद्दों पर मंथन किया। यह बैठक वाराणसी के होटल ताज में आयोजित की गई। परिषद की इस बैठक में देश की सीमा पर होने वाली घुसपैठ, आतंकवाद, महिला अपराध, सीमा विवाद, सड़क और परिवहन, पर्यावरण, धार्मिक पर्यटन और नदियों को जोड़ने जैसे विषय प्रमुख रूप से चर्चा में रहे। इसमें बांग्लादेशी घुसपैठियों और रोहिंग्या मुसलमानों की अवैध मौजूदगी और भारत-नेपाल सीमा से होने वाली घुसपैठ को लेकर गहन विचार-विमर्श किया गया। क्षेत्रीय मुद्दों पर केंद्र और राज्यों के समन्वय की जरूरत बैठक के दौरान उन मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया गया जिनका समाधान केंद्र और राज्यों के साझा प्रयासों से ही संभव हो सकते हैं। जैसे कि अंतर्राज्यीय सीमा विवाद, खनन नीतियां, जल संसाधन और कृषि सुधार। पॉक्सो एक्ट के मामलों, महिला और बाल सुरक्षा, तथा नक्सल प्रभावित इलाकों की चुनौतियों पर भी वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रस्तुतियाँ दीं। धार्मिक कार्यक्रमों में भी हिस्सा लिया बैठक से पहले मंगलवार सुबह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने काशी विश्वनाथ मंदिर में पंचामृत अभिषेक किया और संकट मोचन मंदिर में हनुमान जी का आशीर्वाद लिया। यहां बताते चलें कि गृहमंत्री अमित शाह सोमवार शाम करीब 5:40 बजे काशी पहुंचे थे, जहां मुख्यमंत्री योगी ने एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया था। इसके बाद दोनों नेता काल भैरव मंदिर पहुंचे। दर्शन के दौरान एक पुजारी ने अमित शाह की दंड से नजर उतारी, जिसे देखकर सीएम योगी मुस्कुरा पड़े और हल्के-फुल्के अंदाज़ में पुजारी को इशारा कर रोक दिया। सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त इससे पहले होटल ताज तक शाह के काफिले के रूट पर तीव्र सुरक्षा व्यवस्था लागू की गई थी। होटल में चारों राज्यों के मुख्यमंत्रियों जिनमें मध्य प्रदेश के डॉ मोहन यादव, उत्तराखंड के पुष्कर सिंह धामी, छत्तीसगढ़ के विष्णुदेव साय और उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ ने गृहमंत्री शाह के साथ डिनर में भाग लिया। सूत्रों का कहना है कि इस बैठक और शाह के दौरे का उद्देश्य न केवल प्रशासनिक समन्वय को मजबूत करना है, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक जुड़ाव के ज़रिए जनता के साथ विश्वास का सेतु भी निर्मित करना है। काशी में हुई यह उच्च स्तरीय बैठक न केवल क्षेत्रीय समन्वय को नया आयाम देती है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा, विकास, और सांस्कृतिक महत्व को एक मंच पर लाकर राज्य-केंद्र संबंधों को सुदृढ़ करने की दिशा में एक सार्थक पहल भी है। हिदायत/ईएमएस 24जून25