नई दिल्ली (ईएमएस)। इनकम टैक्स रिटर्न भरने की डेडलाइन 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दी गई है। यह डेडलाइन सैलरी और पेंशनर्स के लिए बढ़ी है। बाकी लोगों के लिए आईटीआर की डेडलाइन नहीं बढ़ी है। अगर आप भी वित्त वर्ष 2024-25 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरने के बारे में सोच रहे हैं, तब कुछ जरूरी दस्तावेजों की आवश्यकता होगी। फॉर्म 16 यह कागजात वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए आईटीआर दाखिल करने के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण दस्तावेजों में से एक है। कंपनी की ओर से टैक्स काटने के बाद वेतन दिया जाता है। फॉर्म 16 ऐसा डॉक्यूमेंट है, जिसमें इसकी जानकारी होती है। यह डॉक्यूमेंट कंपनी की ओर से वित्तीय वर्ष के दौरान दिया जाता है। फॉर्म 16 के अलावा एक टैक्सपेयर्स इनकम के सोर्स के आधार पर अन्य टीडीएस प्रमाणपत्र एकत्र करने की आवश्यकता हो सकती है। फॉर्म 16ए उसके द्वारा जारी किया जाता है, जो अन्य इनकम जैसे कि फिक्स्ड डिपॉजिट से ब्याज, जीवन बीमा कमीशन और लॉटरी से आय पर टैक्स काटता है1 इस तरह, फॉर्म 16बी खरीदार द्वारा संपत्ति के विक्रेता को जारी होता है, अगर खरीदी गई संपत्ति का प्राइस 50 लाख रुपये से ज्यादा है। इसतरह के मामले में, खरीदार विक्रेता को भुगतान से टैक्स काटने के लिए उत्तरदायी है और जिसके बदले में फॉर्म 16बी जारी करना होगा। वहीं एक किरायेदार मकान मालिक या घर के मालिक को टीडीएस प्रमाणपत्र फॉर्म 16सी जारी करता है। अगर आप म्यूचुअल फंड, इक्विटी या अन्य कोई फाइनेंशियल कैपिटल असेट बेचते हैं, तब इसकी पूरी डिटेल आईटीआर में दिखाना होता है। इसके लिए आपको कैपिटल गेन स्टेटमेंट रिपोर्ट की आवश्यकता होती है। यह डॉक्यूमेंट आप स्टॉकब्रोकर और म्यूचुअल फंड हाउस से पा सकते हैं। इनकम टैक्स ई-फाइलिंग पोर्टल से एक टैक्सपेयर्स को एआईएस, टैक्स इंफॉर्मेंशन समरी (टीआईएस) और फॉर्म 26एएस डाउनलोड करना चाहिए। एआईएस और फॉर्म 26एएस महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं, जो आईटीआर भरने में मददगार होते हैं। अगर आपकी विदेशी कमाई से इनकम हुई या अनलिस्टेड मार्केट में निवेश करके कमाई हुई है, तब यह इनकम आपको अपने टीआरएस में दिखाना होगा। टैक्सपेर्स को हमेशा आईटीआर भरते वक्त याद रखना चाहिए कि अगर उसका विदेश में बैंक अकाउंट है और विदेश से पैसा आ रहा है, तब उसकी डिटेल देना ना भूलें। अगर किसी टैक्सपेयर्स को बैंक अकाउंट या पोस्ट ऑफिस से इनकम हो रही है,तब उसे अपने बैंक स्टेटमेंट को भी डाउनलोड़ करके रख लेना चाहिए और आईटीआर भरते वक्त चेक कर लेना चाहिए। टैक्सपेयर्स के विकल्प होता है कि वह ओल्ड टैक्स विकल्प चुन सके. इसमें टैक्सपेयर्स टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट और एक्सपेंडेचर को दिखा सकते हैं। हाउस रेंट और ट्रैवेल पर खर्च के लिए भी छूट क्लेम कर सकते हैं। किसी भी टैक्सपेयर्स को टैक्स फाइलिंग करते वक्त पैनकार्ड, आधार कार्ड और बैंक अकाउंट की डिटेल देनी आवश्यक होती है। इसकी मदद के बिना आप आईटीआर नहीं भर पाएंगे। आशीष दुबे / 25 जून 2025