छात्र बोले, मेहनत हमारी, गलती तुम्हारी, और फीस भी हम ही भरें?, आक्रोषित छात्र संगठनों ने प्रदर्शन कर सौंपा ज्ञापन गुना (ईएमएस)। संकाय बीएससी तृतीय वर्ष, विषय गणित में ज़ीरो, फिजिक्स में वन- सुनने में भले ही यह किसी कमज़ोर छात्र की कॉपी का हाल लगे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। यह कमाल है ग्वालियर की जीवाजी विश्वविद्यालय का, जिसने बीएससी तृतीय वर्ष सत्र 2024-25 के परीक्षा परिणाम में ऐसा सुपर साइंटिफिक रिजल्ट दिया है कि अच्छे-अच्छे मेधावी छात्र अपने अंक देखकर हैरान-परेशान हैं। गुस्सा इतना कि अब गुना के छात्र संगठनों ने मोर्चा खोल दिया है और विवि प्रशासन को चेतावनी दी है — अब अगर रिजल्ट नहीं सुधरा तो गड़बड़ाने वालों की खैर नहीं। बुधवार को गुना में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और डीएसओ ने अलग-अलग ज्ञापन सौंपे, लेकिन मुद्दा एक ही रहा रिजल्ट में धांधली और छात्रों का खुला शोषण। अभाविप नगर मंत्री शिवरोज चंदेल के नेतृत्व में सौंपे गए ज्ञापन में साफ कहा गया कि यह पहली बार नहीं है। हर साल कुछ न कुछ गड़बड़ी होती है और इस बार तो हद ही कर दी। मेहनती और अच्छे नंबर लाने वाले छात्रों को गणित और भौतिकी में 0 या 1 नंबर देकर मानसिक उत्पीडऩ किया जा रहा है। छात्रों के भविष्य पर पानी फेरने जैसी लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। परिषद ने विवि प्रशासन को तीन दिन की मोहलत देते हुए चेताया कि यदि रिजल्ट दोबारा जांच कर सही नहीं किया गया तो आंदोलन होगा। दूसरी ओर डीएसओ की कॉलेज यूनिट अध्यक्ष शुभम राव और सचिव रक्षा मीणा ने प्राचार्य के माध्यम से उच्च शिक्षा आयुक्त को ज्ञापन सौंपा। डीएसओ ने तो इसे सिर्फ गलती नहीं, सुनियोजित आर्थिक शोषण करार दिया। संगठन का आरोप है कि विवि जानबूझकर छात्रों को फेल कर रहा है ताकि सप्लीमेंट्री परीक्षा शुल्क 1500 वसूला जा सके। उन्होंने कहा कि सरकारी कॉलेजों में गरीब तबके के छात्र पढ़ते हैं और इस तरह की चालों से वे मानसिक और आर्थिक रूप से टूट जाते हैं। यही नहीं, डीएसओ ने नए सत्र 2025-26 की प्रवेश प्रक्रिया को लेकर भी नाराजग़ी जताई। कहा गया कि एडमिशन के समय पूरी फीस जमा करने का नियम गरीब छात्रों को बाहर का रास्ता दिखा रहा है। साथ ही नया पोर्टल तकनीकी झंझट से भरा है और कॉलेज में न कोई हेल्प डेस्क है, न अपडेटेड नोटिस बोर्ड — छात्रों को बस भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है। छात्र संगठनों ने मांग की कि विश्वविद्यालय परिणाम में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करे, प्रवेश प्रक्रिया में लचीलापन लाया जाए, और कॉलेज में सूचना व्यवस्था ठीक की जाए। इस पर पीजी कॉलेज गुना के प्राचार्य प्रो. बीपी तिवारी ने कहा रिजल्ट में त्रुटियों को लेकर मैंने विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक से बात की है। एक जांच समिति गठित की गई है। अगर गड़बड़ी पाई गई तो पुन: उत्तरपुस्तिकाओं की जांच करवा कर नया परिणाम जारी किया जाएगा। फिलहाल छात्र अपने रिजल्ट को लेकर असहाय महसूस कर रहे हैं और सभी की निगाहें इस तथाकथित जांच समिति और उसके नतीजों पर टिकी हैं। पर इतना तो तय है — इस बार गलती सिर्फ कॉपी चेक करने वालों की नहीं, बल्कि सिस्टम की है, और छात्र अब चुप नहीं बैठने वाले। सीताराम नाटानी,ईएमएस, २५ जून २०२५