अंतर्राष्ट्रीय
26-Jun-2025
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ममदानी ने होलोकॉस्ट की निंदा करने वाले प्रस्ताव पर नहीं किए हस्ताक्षर न्यूयॉर्क,(ईएमएस)। न्यूयॉर्क सिटी के मेयर पद के लिए जीत हासिल करने वाले भारतीय मूल के जोहरान ममदानी विवादास्पद बयानों के कारण सुर्खियों में हैं। 33 साल के ममदानी मशहूर फिल्मकार मीरा नायर और गुजराती मूल के युगांडाई विद्वान महमूद ममदानी के बेटे हैं। ममदानी कई बार पीएम मोदी के लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल कर चुके हैं। वह अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के विरोध में प्रदर्शन का नेतृत्व कर चुके हैं। इससे अमेरिकी के भारतीय समुदाय में गुस्सा है। इतना ही नहीं उनके बयानों ने न्यूयॉर्क की सियासत को गरमा दिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जोहरान ममदानी ने मई में एक कार्यक्रम में पीएम मोदी की तुलना इजराइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू से की थी। नेतन्याहू को वह युद्ध अपराधी बता चुके हैं। उन्होंने 2002 के गुजरात दंगों की चर्चा की। आरोप लगाया कि इसमें मुसलमानों का नरसंहार किया गया। 2020 में ममदानी ने राम मंदिर के भूमि पूजन के खिलाफ न्यूयार्क के टाइम्स स्क्वायर में प्रदर्शन का नेतृत्व किया था, जहां भीड़ ने हिंदुओं के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था। ममदानी ने कहा कि वह भारत में बीजेपी सरकार और बाबरी मस्जिद के विध्वंस के खिलाफ हैं। यह प्रदर्शन खालिस्तानी तत्वों द्वारा आयोजित किया गया था और ममदानी ने अपमानजनक नारों पर चुप्पी साध रखी थी। इसे हिंदू-विरोधी भावना के समर्थन के रूप में देखा गया। भारतीय-अमेरिकी नेताओं ने ममदानी की आलोचना की है। मानवाधिकार वकील जसप्रीत सिंह ने कहा कि ममदानी ने हिंदुओं को फासीवादी कहकर और अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल कर समुदाय को बांटने का काम किया है। न्यूयॉर्क में नफरत की कोई जगह नहीं है। न्यूयॉर्क की विधायक जेनिफर राजकुमार ने भी ममदानी के बयानों को विभाजनकारी बताया, जो न्यूयॉर्क के स्थानीय मुद्दों जैसे अपराध और आवास संकट से ध्यान भटकाते हैं। ममदानी के इजराइल-विरोधी रुख ने भी विवाद खड़ा किया है। उन्होंने ग्लोबलाइज द इंतिफादा नारे का बचाव किया, जिसे कई यहूदी संगठनों ने यहूदी-विरोधी माना। न्यूयॉर्क के यहूदी डेमोक्रेट डैन गोल्डमैन ने कहा कि ममदानी का इस नारे को न नकारना उन्हें 13 लाख यहूदियों वाले शहर का नेतृत्व करने के लिए अयोग्य बनाता है। ममदानी ने होलोकॉस्ट की निंदा करने वाली प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने से भी इनकार कर दिया। बता दें जोहरान ममदानी की प्रोग्रेसिव नीतियां जैसे मुफ्त बसें, किराया नियंत्रण और न्यूनतम वेतन 30 डॉलर तक बढ़ाने का प्रस्ताव, युवा और आप्रवासी मतदाताओं में लोकप्रिय हैं। उन्होंने 16,000 से ज्यादा दानदाताओं से 70 लाख डॉलर की राशि जुटाई है। ममदानी के समर्थक जैसे सीनेटर बर्नी सैंडर्स और सांसद एलेक्जेंड्रिया ओकासियो-कॉर्टेज उनकी नीतियों को न्यूयॉर्क के लिए ‘क्रांतिकारी’ मानते हैं, लेकिन उनके विवादास्पद बयानों ने भारतीय-अमेरिकी और यहूदी समुदायों में गहरी नाराजगी पैदा की है, जिससे न्यूयॉर्क की सियासत में तनाव पैदा हो गया है। सिराज/ईएमएस 26जून25