-ठाणे निवासी दो आरोपियों के पास से 1,700 सिम कार्ड बरामद नई दिल्ली,(ईएमएस)। साइबर ठगी के मामलों की जांच में जुटी एजेंसियों को एक बड़ी सफलता मिली है। पन्ना पुलिस ने 14 लाख की ठगी के एक मामले में अंतरराष्ट्रीय साइबर फ्रॉड नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। इस नेटवर्क का संचालन थाईलैंड से हो रहा था, जबकि इसका तकनीकी सेटअप महाराष्ट्र के ठाणे से संचालित था। पुलिस ने कार्रवाई कर दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। 27 वर्षीय ऋषिकेश उर्फ ऋषभ हरसुरकर (निवासी कोल्हापुर) और 31 वर्षीय सुरेश गुडिमनी (निवासी चिकोडी)। दोनों को ठाणे स्थित उरबानो अपार्टमेंट से गिरफ्तार किया गया, जहां उन्होंने तीन फ्लैट किराए पर ले रखे थे। इसमें से दो फ्लैट साइबर ठगी के तकनीकी संचालन केंद्र के रूप में इस्तेमाल हो रहे थे। पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपियों ने शेल कंपनियों के नाम पर हजारों सिम कार्ड हासिल किए। उनके पास से 1,700 सिम कार्ड बरामद हुए हैं, जिन्हें हर महीने थाईलैंड और कंबोडिया भेजा जाता था। यह सिम कार्ड वहां बैठकर भारतीय नागरिकों से ठगी करने के लिए इस्तेमाल होते थे। फर्जी कॉल्स वीओआईपी (वीओआईपी) के द्वारा थाईलैंड से शुरू होती थीं, और भारत में मौजूद सिम बॉक्स के ज़रिए उन्हें जीएसएम कॉल में बदला जाता था, इससे लोगों को लगता था कि कॉल भारत से ही आ रही है। अब तक की जांच में आरोपियों और उनके रिश्तेदारों के नाम पर छह से अधिक फर्जी कंपनियों का पता चला है, जिनके द्वारा यह सिम कार्ड खरीदे गए थे। पुलिस ने बताया कि आरोपी टेलीग्राम के माध्यम से अपने विदेशी संपर्कों से जुड़े थे, जिन्हें वे बॉस कहकर पुकारते थे। यह पूरा मामला तब खुला जब पन्ना जिले के अंशु शर्मा से एक अज्ञात कॉलर ने डिजिटल गिरफ्तारी का डर दिखाकर 14 लाख रुपये ठगे। आरोपी ने उन्हें बताया कि उनका आईडी किसी अवैध गतिविधि में इस्तेमाल हुआ है और उन्हें तत्काल पैसे ट्रांसफर करना होगा। जांच के दौरान पुलिस को ठाणे स्थित फ्लैटों में सीसीटीवी फुटेज मिले हैं, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि पूरा सेटअप विदेश में बैठे मास्टरमाइंड की निगरानी में था। पुलिस को यह भी संदेह है कि ठगे गए पैसे को क्रिप्टोकरेंसी में बदल दिया गया। आशीष दुबे / 26 जून 2025