-यह प्रोजेक्ट भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में होगा बड़ा कदम नई दिल्ली,(ईएमएस)। भारत की सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (हेल) जल्द ही एक बड़ा समझौता करने जा रही है। यह समझौता अमेरिका की रक्षा कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक (जीई) एयरोस्पेस के साथ होगा। दोनों कंपनियां मिलकर भारत में लड़ाकू विमानों के इंजन तैयार करेंगी। ये इंजन भारत के तेजस जैसे नए फाइटर जेट में इस्तेमाल किए जाएंगे। हेल के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर डीके सुनील ने कहा कि अमेरिकी इंजन भारत के नए लड़ाकू विमानों में इस्तेमाल होंगे। जीई के एफ-414 इंजन को भारत में बनाने की योजना पीएम मोदी की 2023 की अमेरिका यात्रा के दौरान बनी थी, लेकिन टेक्नोलॉजी को साझा करने को लेकर बातचीत में देरी हुई। इसलिए इस प्रोजेक्ट में समय लगा। इससे भारत के दुश्मन देशों को काउंटर करने में मदद मिलेगी। सुनील ने बताया कि जीई के साथ तकनीकी बातचीत पूरी हो चुकी है। खासकर टेक्नोलॉजी ट्रांसफर को लेकर सहमति बन गई है। उन्होंने कहा कि हमने करीब 80 फीसदी टेक्नोलॉजी ट्रांसफर पर सहमति दी है। इससे भारत को इंजन बनाने की आधुनिक तकनीक मिलेगी। अब हम डील को लेकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हेल को उम्मीद है कि यह समझौता मार्च 2026 तक पूरा हो जाएगा। मीडिया रिपोरर्ट के मुताबिक यह प्रोजेक्ट भारत के रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने और देश को आधुनिक सैन्य उपकरण बनाने में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। जीई का एफ-414 इंजन तेजस एमके2 और एएमसीए जैसे विमानों को ताकत देगा। तेजस एईएसए रडार से भी लैस होगा, जो इसे पॉवरफुल बनाएगा। जनरल इलेक्ट्रिक एफ-414 एक अमेरिकी आफ्टरबर्निंग टर्बोफैन इंजन है जो 22,000 पाउंड थ्रस्ट क्लास में है। इसका उत्पादन जीई एयरोस्पेस करता है। एफ-414 इंजन जीई के एफ404 इंजन का एक उन्नत संस्करण है, जो पहले से ही कई लड़ाकू विमानों में इस्तेमाल हो रहा है। यह 22,000 पाउंड थ्रस्ट प्रदान करता है, जो इसे एफ404 से 35 फीसदी जयादा ताकतवर बनाता है। सिराज/ईएमएस 27जून25