राष्ट्रीय
27-Jun-2025


प्रयागराज,(ईएमएस)। शादी का झूठा वादा कर महिला का शारीरिक शोषण करने के मामले में हाईकोर्ट ने लिव इन रिलेशन का जिक्र किया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट का कहना है कि लिव इन रिलेशन की धरणा मध्यम वर्गीय समाज के मौजूदा कानूनों के खिलाफ है। इसके साथ ही इस तरह के मामलों में इजाफा होने पर भी चिंता जाहिर की है। उच्च न्यायालय में जस्टिस सिद्धार्थ मामले की सुनवाई कर रहे थे। उनके सामने शान ए आलम की जमानत याचिका पहुंची थी। आरोपी के खिलाफ कई प्रावधानों के तहत मामले दर्ज हैं। आरोप हैं कि आरोपी ने शादी का वादा कर युवती के साथ शारीरिक संबंध बनाए और बाद में शादी करने से इंकार किया। कोर्ट ने कहा, एपेक्स कोर्ट की तरफ से लिव इन रिलेशन को कानूनी मान्यता देने के बाद कोर्ट में इसतरह के मामले आते ही जा रहे हैं। ये मामले अदालत में इसलिए आ रहे हैं, क्योंकि लिव इन रिलेशन भारतीय मध्यमवर्ग के स्थापित कानूनों के खिलाफ है...। अदालत ने कहा है कि लिव इन रिलेशन महिलाओं को अनुपातहीन नुकसान पहुंचाते हैं। उन्होंने कहा कि पुरुष आगे बढ़ जाते हैं और इसतरह के रिश्ते खत्म कर शादी भी कर लेते हैं, लेकिन महिलाओं को ब्रेकअप के बाद साथी तलाशना मुश्किल होता है। आशीष दुबे / 27 जून 2025