- जब पुराने खिलाड़ी नए सिरे से मिलते हैं, तो या तो खेल बदलता है… या खिलाड़ी! -शिवराज-कैलाश की बंद कमरे की मीटिंग ने बढ़ाई सियासी गर्मी, -संगठन में बदलाव की आहट? सौरभ जैन अंकित भोपाल /इंदौर (ईएमएस)। राजनीति में मुलाकातें अक्सर मौन संदेश छोड़ जाती हैं। गुरुवार को इंदौर में पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश के ताकतवर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के बीच हुई बंद कमरे की बातचीत ने मध्यप्रदेश भाजपा में सियासी सरगर्मी बढ़ा दी है। करीब 20 मिनट तक चली इस गोपनीय बैठक के बाद शिवराज अपनी पत्नी साधना सिंह के साथ विजयवर्गीय के घर भी पहुंचे। भले ही इसे पारिवारिक मुलाकात बताया जा रहा हो, लेकिन भाजपा के अंदरूनी हलकों में इसे भविष्य की रणनीति और संगठनात्मक बदलाव से जोड़कर देखा जा रहा है। प्रदेश अध्यक्ष बदलने की तैयारी और दिल्ली से तालमेल सूत्रों के अनुसार, मध्यप्रदेश भाजपा में शीघ्र ही प्रदेश अध्यक्ष बदले जाने की तैयारी है। मौजूदा अध्यक्ष वीडी शर्मा का कार्यकाल पूर्ण हो चुका है। नई नियुक्ति को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच मंथन जारी है। यही नहीं, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का भी कार्यकाल भी समाप्त हो चुका है , ऐसे में संगठन में ऊपर से नीचे तक एक नई बिसात बिछ रही है — और शिवराज-कैलाश की मुलाकात भी उसी का हिस्सा मानी जा रही है। वेटिंग पॉलिटिक्स में सावित्री ठाकुर का प्रतीकात्मक इंतजार इस मुलाकात का सबसे रोचक और प्रतीकात्मक दृश्य रहा केंद्रीय मंत्री सावित्री ठाकुर का बाहर इंतजार करना, जबकि शिवराज और कैलाश भीतर गहन चर्चा में व्यस्त थे। उन्हें सिर्फ 5 मिनट और रुकने को कहा गया। यह दिखाता है कि पार्टी में आज भी असली निर्णय वही पुराने दिग्गज लेते हैं, जिन्हें संगठन और सत्ता दोनों की गहरी समझ है। पुराने साथी, नई रणनीति शिवराज-कैलाश की जोड़ी भाजपा के युवा मोर्चा युग से चर्चित रही है, दोनों की राजनीतिक यात्रा अलग रही। अब जब संगठन के पुनर्गठन की चर्चा गर्म है, तो इनकी नजदीकी को हल्के में नहीं लिया जा सकता। विजयवर्गीय को विधानसभा में उतारना, मंत्री बनाना और अब शिवराज से गहन संवाद — यह सब भविष्य में बड़े पद या जिम्मेदारी की ओर इशारा करता है। क्या बदलेगा मध्यप्रदेश भाजपा का शक्ति-संतुलन? हालांकि विधानसभा चुनाव अभी हुए हैं, लेकिन भाजपा में वास्तविक नियंत्रण और संगठनात्मक संतुलन को लेकर अंतर्कलह अब भी सक्रिय है। नई नियुक्तियों के साथ यह संतुलन पूरी तरह से बदल सकता है। इस बदलाव में शिवराज-कैलाश की जोड़ी इसमें अहम भूमिका निभा सकती है।