राज्य
27-Jun-2025
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- गिरोह के पास मिले करीब 34 करोड़ के फर्जीवाड़े के कागजात - गिरोह का सरगना विनोद कुमार सहाय रांची से गिरफ्तार, लिया रिमांड पर भोपाल(ईएमएस)। ईओडब्ल्यू ने एक ऐसे गिरोह का राजफाश किया है, जिसके तार मध्य प्रदेश के जबलपुर, भोपाल एवं इंदौर में सुनियोजित और बड़े पैमाने पर की गई जीएसटी धोखाधड़ी से जुड़ा है। इस गिरोह का मास्टरमांइड एनके खरे उर्फ विनोद कुमार सहाय  है।  गिरोह ने भोले-भाले लोगों को झांसा देकर उनके दस्तावेजों का गलत इस्तेमामल कर फर्जी फर्में बनाकर करोड़ों रुपये के इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का अवैध हस्तांतरण कर सरकारी राजस्व को भारी नुकसान पहुंचाया है। मामले का खुलासा प्रताप सिंह लोधी की शिकायत और वाणिज्य कर विभाग जबलपुर की सहायक आयुक्तों, वैष्णवी पटेल और ज्योत्सना ठाकुर  द्वारा भेजी गई रिपोर्टों से हुआ। इन रिपोर्टों में धोखाधड़ी, विश्वासघात और आपराधिक साजिश के जरिये से जीएसटी चोरी का संकेत दिया गया था। * ऐसा था गिरोह का फर्जीवाड़ा करने का प्लान गिरोह का मास्टरमांइड विनोद कुमार सहाय जो खुद को पहले एनके खरे बताता था, ने सल 2019-2020 के दौरान जबलपुर में प्रताप सिंह लोधी, दीनदयाल लोधी, रविकांत सिंह और नीलेश कुमार पटेल जैसे व्यक्तियों से संपर्क किया । उसने इन लोगों को यह कहकर झांसा दिया कि लोन प्राप्त करने के लिए जीएसटी पंजीकरण आवश्यक है । इस बहाने से उसने उनसे उनके आधार कार्, पैन कार्ड, फोटो, बैंक खाता स्टेटमेंट, कृषि भूमि से संबंधित दस्तावेज़ जैसे खसरा, किस्तबंदी खतौनी, ऋण पुस्तिका और जाली बिल जैसे महत्वपूर्ण व्यक्तिगत दस्तावेज़ हासिल कर लिए । प्राप्त किए गए दस्तावेज़ों का उपयोग करके, विनोद सहाय ने इन व्यक्तियों के नाम पर फर्जी फर्में बनाईं: * मेसर्स मां नर्मदा ट्रेडर्स:  प्रताप सिंह लोधी के नाम पर (पंजीकरण 07-02-2020) । * मेसर्स नमामि ट्रेडर्स:  दीनदयाल लोधी के नाम पर पंजीकरण 13-08-2019) । * मेसर्स मां रेवा ट्रेडर्स: रविकांत सिंह के नाम पर (पंजीकरण 19-02-2020) । * मेसर्स अभिजीत ट्रेडर्स: नीलेश कुमार पटेल के नाम पर (पंजीकरण 26-02-2020) । जीएसटी रजिस्ट्रेशन के दौरान, विनोद सहाय ने फर्मों की लॉगिन आईडी, पासवर्ड और मां नर्मदा ट्रेडर्स और नमामि ट्रेडर्स के पंजीकृत मोबाइल नंबर का अपने पास रख लिए । सबसे महत्वपूर्ण बात यह थी कि उसने अपनी निजी ईमेल आईडी का उपयोग पंजीकरण में किया । इसी ईमेल आईडी का उपयोग जगदम्बा कोल कैरियर्स और महामाया ट्रेडर्स जैसी अन्य फर्मों के पंजीकरण में भी किया गया । उसने इन फर्मों की सील और लेटरपैड भी छपवाकर अपने पास रख लिए थे । * जॉच में सामने आई कई गड़बड़िया जांच में पाया गया कि इन पंजीकृत पतों पर कोई वास्तविक व्यावसायिक गतिविधि संचालित नहीं हो रही थी। ये फर्में केवल कागज़ों पर मौजूद थीं। विनोद सहाय ने इन फर्जी फर्मों के नाम पर करोड़ों रुपये की फर्जी आउटवर्ड सप्लाई (बिक्री) दर्शाई। इन फर्जी बिलों के आधार पर, उसने बोगस इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का लाभ अन्य व्यवसायियों को दिलाया । यह आईटीसी वास्तविक माल या सेवा के आदान-प्रदान के बिना ही उत्पन्न किया गया था। * जांच में चार मुख्य बोगस फर्मों द्वारा की गई धोखाधड़ी का हुआ खुलासा मेसर्स मां नर्मदा ट्रेडर्स- प्रताप सिंह लोधी के नाम पर पंजीकृत इस फर्म ने 1,16,62,900 रुपये की आउटवर्ड सप्लाई दिखाकर 33,33,050 रुपये का बोगस आईटीसी अंतरित किया। इसका एक्सिस बैंक, खाता भी विनोद कुमार सहाय द्वारा ही संचालित होता था। मेसर्स नमामि ट्रेडर्स दीनदयाल लोधी के नाम पर पंजीकृत इस फर्म ने 10,58,73,393 रुपये की आउटवर्ड सप्लाई दिखाकर 2,84,67,101 रुपये का बोगस आईटीसी अंतरित किया। मेसर्स मां रेवा ट्रेडर्स रविकांत सिंह के नाम पर पंजीकृत यह फर्म नॉन-ऑपरेशनल पाई गई,लेकिन इसने 2,19,27,147 रुपये की बोगस सप्लाई दिखाई। मेसर्स अभिजीत ट्रेडर्स नीलेश कुमार पटेल के नाम पर पंजीकृत इस फर्म का भी कोई वास्तविक व्यवसाय नहीं पाया गया। इसने 9,99,86,800 रुपये की बोगस सप्लाई की। यह धोखाधड़ी केवल इन चार फर्मों तक सीमित नहीं थी, बल्कि एक बड़े नेटवर्क का हिस्सा थी, जिसमें कई अन्य फर्में शामिल थीं। जांच में पाया गया कि ये फर्में मुख्य रूप से कोल ट्रेडिंग और बिल्डिंग मटेरियल ट्रेडिंग में शामिल थीं, और मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और नागपुर (महाराष्ट्र) तक फैली हुई थीं। केडी सेल्स कॉर्पोरेशन इंदौर में पंजीकृत यह प्रोपराइटरशिप फर्म (प्रमोद कुमार नामदेव के नाम पर) भी इस गिरोह का हिस्सा थी। इसने 64,38,61,764.69 करोड़ रुपये के बोगस इनवॉइस जारी करके 17,70,70,560 करोड़ रुपये का फेक इनपुट क्रेडिट अन्य फर्मों को दिया। महक इंटरप्राइजेस भोपाल में पंजीकृत यह फर्म (राजा शेख के नाम पर) भी बोगस पाई गई। इसने अन्य कंपनियों को 1,20,20,608 रुपये का फेक इनपुट टैक्स क्रेडिट दिया। इसके साथ् ही इससे संबंधित अन्य बोगस फर्मो में दिलीप ट्रेडर्स , अंकिता स्टील एंड कोल  ,जगदम्बा कोल कैरियर्स , कोराज टेक्निक्स  ,महामाया ट्रेडर्स , अंबर कोल डिपो , अनम ट्रेडर्स  विनोद सहाय स्वयं सिटरोन मिनरल्स प्रा.लि., गेरिसन कॉल प्रा.लि., आर्या कोल ट्रेडिंग प्रा.लि., वी.के. मिनरल्स प्रा.लि. और जे.एम.एस.डी. आलॉप्स प्रा.लि.जैसी कंपनियों में निर्देशक है, और इन कंपनियों द्वारा भी फेक इनपुट टैक्स क्रेडिट लिया जा रहा है। अफसरो के अनुसार अब तक किए गए सत्यापन में उक्त चार मुख्य फर्मों और उनके साथ व्यवसाय करने वाली 9 फर्मों द्वारा बोगस व्यवसाय कर कुल 33,80,43,252 रुपये का फेक इनपुट टैक्स क्रेडिट लिया जाना पाया गया है।  जांच और साक्ष्यों के आधार पर ईओडब्लयू भोपाल में  विनोद कुमार सहाय सहित कुल 14 फर्में/संस्थाएं और अन्य अज्ञात व्यक्ति, आरोपियों के खिलाफ 21 जून को आपराधिक षड्यंत्र, आपराधिक विश्वासघात, प्रतिरूपण द्वारा धोखाधड़ी, धोखाधड़ी), मूल्यवान प्रतिभूति की जालसाजी), धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), जाली दस्तावेज़ का उपयोग सहित सूचना प्रौद्योगिकी (संशोधन) अधिनियम की धाराओ के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। आरोपी विनोद सहाय स्वय को एन के खरे के रूप मैं प्रतिरूपित करता था, एवं प्रकरण के जीएसटी विभाग के संज्ञान में आने पर रांची झारखंड शिफ्ट हो गया था, और वहाँ पर कोयले के व्यवसाय करने लगा था। थाना ईओडब्ल्यू भोपाल मैं प्रकरण कायम करने के पश्चात आरोपी की तकनीकी साक्ष्य एवं बैंक अकाउंट की जानकारी प्राप्त करने पर ज्ञात हुआ की उक्त विनोद सहाय रांची मैं छुपा हुआ है। इस जानकारी पर ईओडब्लू भोपाल की टीम ने विनोद सहाय को बुधवार को रांची से गिरफ्तार कर लिया है। जुनेद / 27 जून 2025