खेल
28-Jun-2025
...


नई दिल्ली (ईएमएस)। निशानेबाज जसपाल राणा आजकल देश की युवा निशानेबाजी प्रतिभाओं को निखारने में लगे हैं। ओलंपिक पदक विजेता निशानेबाज मनु भाकर के भी वह कोच हैं। 49 साल के राणा ने भारत के शीर्ष् निशानेबाज रहे हैं। इस निशानेबान की कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन गेम्स में शानदार प्रदर्शन कर निशानेबाजी को लोकप्रिय लोकप्रिय बनाने में भी अहम भूमिका रही। राणा ने साल 1988 में 31वीं राष्ट्रीय निशानेबाजी प्रतियोगिता में रजत पदक जीतने के बाद से ही पीछे मुड़कर नहीं देखा। साल 1994 में इटली के मिलान में आयोजित विश्व निशानेबाजी प्रतियोगिता में जूनियर स्तर पर उन्होंने विश्व रिकॉर्ड अपने नाम किया। राणा ने 1996 में अटलांटा ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया। राणा ने 1994 एशियन गेम्स में 1 जबकि 2006 एशियन गेम्स में 3 स्वर्ण पदक जीते थे। 2006 में उन्होंने एक रजत भी जीता था। 1998 एशियन गेम्स में सिल्वर, 1994 और 1998 एशियन गेम्स में उन्होंने कांस्य पदक अपने नाम किया। राष्ट्रमंडल खेलों भी जसपाल राणा का शानदार प्रदर्शन रहा है। 1994 से लेकर 2006 के बीच उन्होंने चार राष्ट्रमंडल खेलों में 9 स्वर्ण जीते। 2002 में मेलबर्न में आयोजित राष्ट्रमंडल खेल में उन्होंने 4 स्वर्ण पदक अपने नाम कियो। एशियन चैंपियनशिप 1995 में भी उन्होंने स्वर्ण जीता था। संन्यास के बाद से ही राणा कोचिंग क्षेत्र में उतर गये। उनके मार्गदर्शन में ही मनु ने पेरिस ओलंपिक में दो पदक जीतकर इतिहास रच दिया था। राणा को उनकी उपलब्धियों के लिए अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 21 साल की उम्र में उन्हें पद्मश्री पुरस्कार मिला। 2020 में उन्हें द्रोणाचार्य पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। गिरजा/ईएमएस 28जून 2025