मॉस्को,(ईएमएस)। यूक्रेन के खनिज पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लंबे समय से नजर लगाए हुए थे। इसके लिए वे पूरी प्लानिंग भी कर रहे थे, इसी बीच खबर आई कि यूक्रेन का सफेद सोना तो रुस ने अपने कब्जे में ले लिया है। इससे ट्रंप को बड़ा झटका लगा है। डोनेट्स्क की धरती पर इन दिनों गोलियों की बारिश तो हो ही रही है, लेकिन मिट्टी में छिपे खजाने की जंग भी तेज हो गई है। रूस ने हाल ही में इस इलाके में मौजूद लिथियम की खदान पर कब्जा जमा लिया है। यह सब कुछ ऐसे वक्त में हुआ है जब अमेरिका और यूक्रेन में मिनरल्स की डील हो चुकी है और ट्रंप को उम्मीद है कि आने वाले भविष्य में यूक्रेन के मिनरल्स पर यूएस का कब्जा होगा। दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप की सरकार ने कुछ समय पहले ही यूक्रेन के साथ एक बड़ा समझौता किया था, जिससे अमेरिका को इस देश के खनिज संसाधनों तक सीधी पहुंच मिलने वाली थी। लेकिन रूस ने जैसे ही इस खदान पर कब्जा किया, अमेरिका की ये योजना अधर में लटक गई है। सिर्फ लिथियम पर ही नहीं, रूस की नजर अब यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में स्थित एक और रणनीतिक शहर पोखरोव्स्क पर भी है। यूक्रेनी सेना के मुताबिक, रूस ने इस इलाके में 1.10 लाख सैनिक तैनात कर दिए हैं। यह शहर डोनबास क्षेत्र के बचे हुए हिस्से की सप्लाई लाइन का अहम हिस्सा है। लंबे समय से रूस यहां कब्दा करना चाहता है। यूक्रेन के सेनाध्यक्ष ओलेक्जेंडर सिर्स्की ने साफ कहा है कि रूस अब सीधे हमला करने के बजाय पोखरोव्स्क को चारों ओर से घेरने की कोशिश कर रहा है। इससे पहले यूक्रेनी ड्रोन यूनिट्स ने रूसी हमलों को काफी हद तक रोका था, जिससे रूसी रणनीति को झटका लगा। हालांकि रूस अब बाइक और छोटी गाड़ियों में दो-दो सैनिकों की टीम बनाकर ‘कम लागत’ की रणनीति अपना रहा है, ताकि बिना बड़ा नुकसान उठाए वह शहर के बाहरी हिस्सों में अपनी मौजूदगी दर्ज करा सके। 100 एकड़ में है लिथियम भंडार शेवचेंको गांव के पास मौजूद एक खदान, जिसका क्षेत्रफल सिर्फ 100 एकड़ है, उसमें दबा लिथियम भंडार यूक्रेन की भविष्य की ऊर्जा और टेक्नोलॉजी रणनीति की रीढ़ माना जा रहा था। यही वजह है कि रूस ने अपनी गर्मियों की सैन्य कार्रवाई के तहत इसे रणनीतिक रूप से कब्जा कर लिया। लिथियम वो धातु है जिसे भविष्य की ऊर्जा माना जाता है। दुनिया का हर देश इसे पाने की ख्वाहिश रखता है। बिजली से चलने वाले वाहनों से लेकर स्मार्टफोन तक, हर तकनीक की बैटरी में इसकी जरूरत है। अमेरिका ने तो इसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी ‘क्रिटिकल मटेरियल’ की सूची में भी शामिल कर रखा है। वीरेंद्र/ईएमएस/28जून2025