मुंबई, (ईएमएस)। यदि किसी कंपनी, उद्योग या अन्य प्रतिष्ठान द्वारा किसी बांग्लादेशी नागरिक को नौकरी पर रखने की जानकारी मिलती है तो संबंधित मालिक को जिम्मेदार मानते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। दरअसल महाराष्ट्र के गृह विभाग ने बांग्लादेशी घुसपैठिए के खिलाफ एक परिपत्र जारी किया है। बांग्लादेशी घुसपैठिए कम वेतन पर काम करने को तैयार हैं। चूंकि उन्हें कम पैसे में नौकरी मिलती है, इसलिए अक्सर बांग्लादेशी नागरिकों को उनकी नागरिकता की जांच किए बिना ही नौकरी दे दी जाती है। ऐसे घुसपैठिए राज्य और देश की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करते हैं। इसलिए उन्हें कतई नौकरी पर नहीं रखा जाना चाहिए और सभी प्रशासनिक विभाग अपने-अपने कार्यालयों को इस संबंध में सतर्क कर दें, ऐसा परिपत्र में कहा गया है। इस परिपत्र से घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई में और तेजी आएगी। परिपत्र में कहा गया है कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दस्तावेज तैयार करने वाले, मूल प्रमाण पत्रों से छेड़छाड़ करने वाले बांग्लादेशी नागरिकों की एक अलग सूची तैयार की जाए और संबंधित सरकारी विभाग इसे अपनी-अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित करें। यह स्पष्ट किया गया है कि ऐसे नागरिकों की सूची प्रकाशित होने के बाद अन्य सरकारी कार्यालय सतर्क हो जाएंगे और उन्हें कोई प्रमाण पत्र जारी नहीं करेंगे यदि ऐसे हलफनामे से पता चलता है कि वह व्यक्ति भारतीय नागरिक नहीं है और उसने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर योजनाओं का लाभ उठाया है, तो उस व्यक्ति के खिलाफ तत्काल आपराधिक कार्रवाई की जाएगी। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बांग्लादेशी घुसपैठियों को सरकारी दस्तावेज और विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा जारी प्रमाण पत्र प्राप्त करने में मदद करने वालों के खिलाफ भी आपराधिक कार्रवाई की जाएगी। यदि फर्जी दस्तावेज पाए जाते हैं, तो संबंधित विभाग को तुरंत उन्हें रद्द करना चाहिए। यदि कोई बांग्लादेशी घुसपैठिया या ग्रामीण क्षेत्रों में कोई संदिग्ध व्यक्ति मिलता है, तो पुलिस को तुरंत पुलिस स्टेशन को इसकी सूचना देनी चाहिए, ऐसा परिपत्र में कहा गया है। संजय/संतोष झा- २८ जून/२०२५/ईएमएस