झाबुआ (ईएमएस)जल गंगा संवर्धन अभियान अंतर्गत आजीविका मिशन की दीदियों द्वारा जिले की जनपद पंचायतों के माध्यम से वन विभाग व राजस्व भूमि पर छायादार एवं औषधीय पौधो के बीज के कुल 25 लाख सीडबॉल तैयार कर उन्हें ड्रोन की मदद से वन विभाग व राजस्व भूमि पर बिखरने का कार्य सम्पादित किया गया है। जल गंगा संवर्धन अभियान के संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत जितेन्द्रसिंह चौहान द्वारा बताया गया कि जिले की छह जनपद पंचायतों पेटलावद, मेघनगर, झाबुआ, थांदला, रामा व राणापुर के माध्यम से स्व सहायता समूह की दीदियों द्वरा छायादार एवं औषधीय पौधो के बीज के कुल 25 लाख सीडबॉल बनाकर उन्हें स्वयं के प्रयासों सहित ड्रोन की सहायता से वन विभाग व राजस्व भूमि पर बिखरने का वृहत्तम कार्य सम्पादित किया गया है। सीईओ जिला पंचायत के अनुसार गत वर्ष भी जल गंगा संवर्धन अभियान 2024 में सीडबॉल बिखरने का कार्य चिन्हित पहाडियों पर किया गया था, जिसकी उत्तरजीविता 23.8% रही थी। इस सफलता की सराहना कैबिनेट मंत्री पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग एवं श्रम विभाग, प्रहलाद सिंह पटेल द्वारा झाबुआ प्रवास के दौरान की गई। इसी को दृष्टि गत रखते हुए इस वर्ष भी ड्रोन एवं स्वयं सहायता समूह की दीदियों के माध्यम से सीडबॉल्स का वृहद स्तर पर छिड़काव किया गया। सीडबॉल्स छिड़काव से स्वयं सहायता समूह की दीदियों को अतिरिक्त रोजगार एवं आय प्राप्त हुई है। गौरतलब है कि सीडबॉल रोपण से जहां पर्यावरण को संरक्षण में मदद मिलती है, वहीं जैव विविधता उद्देश्य भी स्वत: पूरा हो जाता है। इसके साथ ही पौधों की विविधता में वृद्धि, मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार शामिल हैं। चूंकि सीडबॉल बीजों को मिट्टी, खाद और पानी से बनी एक गेंद में लपेटकर बनाया जाता है, इसलिए यह बीजों को पक्षियों और कृन्तकों से बचाता है और अंकुरण के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करता है। सीडबॉल में इस्तेमाल की जाने वाली मिट्टी एक बाइंडर के रूप में कार्य करती है जो बीजों को एक साथ रखने और उन्हें शिकारियों और खराब मौसम की स्थिति से बचाने में मदद करती है। इसके अतिरिक्त, मिट्टी प्रत्येक बीज के चारों ओर एक सुरक्षात्मक प्राकृतिक आवरण बनाती है, जो अंकुरण को बढ़ावा देती है, जो उच्च सफलता दर सुनिश्चित करती है। ईएमएस/ डॉ. उमेशचन्द्र शर्मा/30/6/2025/