हैदराबाद,(ईएमएस)। तेलंगाना की राजनीति में सोमवार को एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम सामने आया, जबकि गोशामहल से भाजपा विधायक टी. राजा सिंह ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने पूर्व एमएलसी डॉ. रामचंदर राव को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की खबरों को लेकर गहरी नाराजगी जताई और इसे भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए सदमे जैसा बताया है। भाजपा विधायक टी. राजा सिंह ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष जी. किशन रेड्डी को भेजे गए त्यागपत्र में लिखा है कि, बहुत सारे लोग चुप हैं, पर यह चुप्पी सहमति नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी में अब चुनिंदा लोग पर्दे के पीछे से निर्णय ले रहे हैं, जिससे कार्यकर्ताओं और मतदाताओं का पार्टी जुड़ाव कमजोर हो रहा है। टी राजा ने अपने इस्तीफे में यह भी कहा कि उनका पत्र किसी निजी महत्वाकांक्षा के चलते नहीं है, बल्कि यह उन लाखों निष्ठावान कार्यकर्ताओं की पीड़ा को दर्शाता है जिन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है। उन्होंने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से अपील की है कि रामचंदर राव की नियुक्ति के फैसले पर पुनर्विचार किया जाए। टी राजा ने अपने त्याग पत्र के अंत में लिखा है, कि मैं पार्टी से भले अलग हो रहा हूं, लेकिन हिंदुत्व की विचारधारा, धर्म की सेवा और गोशामहल की जनता के लिए पूरी तरह समर्पित रहूंगा। मेरी आवाज अब और अधिक मजबूती से उठेगी। रामचंदर राव की ताजपोशी लगभग तय इधर, सोमवार को तेलंगाना भाजपा अध्यक्ष पद के लिए नामांकन प्रक्रिया भी शुरू हुई, जिसमें रामचंदर राव ने अपने समर्थकों के साथ नामांकन दाखिल किया। अब तक किसी अन्य नेता ने नामांकन दाखिल नहीं किया है, जिससे माना जा रहा है कि 1 जुलाई को उनके नाम का ऐलान लगभग तय है। इस राजनीतिक घटनाक्रम ने तेलंगाना भाजपा में अंदरूनी खींचतान को उजागर कर दिया है। माना जा रहा है कि इसका असर अब आने वाले दिनों में राज्य की सियासी दिशा पर भी साफ दिखाई दे सकता है। हिदायत/ईएमएस 30जून25