मुंबई, (ईएमएस)। मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के आसपास कई इमारतें निर्धारित ऊंचाई से अधिक ऊंची हैं। इस वजह से विमानों के लैंडिंग या टेकऑफ करते समय दुर्घटना होने पर हजारों लोगों की जान को खतरा हो सकता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने प्रशासन को महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं। प्रशासन ने हाईकोर्ट को बताया है कि छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के आसपास नियमों का उल्लंघन कर बनाई गई इमारतों के खिलाफ कार्रवाई पूरी कर ली गई है। मुंबई उपनगरीय जिला मजिस्ट्रेट ने कोर्ट में स्पष्ट किया कि इस तोड़फोड़ के संबंध में दिए गए सभी आदेशों का पालन किया गया है। कोर्ट ने निर्देश दिया है कि निर्धारित ऊंचाई से अधिक ऊंची इमारतों के निर्माण के खिलाफ की गई कार्रवाई का विशेषज्ञों के माध्यम से अवलोकन किया जाए और 28 जुलाई तक रिपोर्ट पेश की जाए। हाईकोर्ट ने इस संबंध में सभी रिट याचिकाओं का निपटारा कर दिया है। हालांकि कोर्ट ने सोमवार को निर्देश जारी किए कि मुख्य याचिका पर अगली सुनवाई में चर्चा की जाएगी। - क्या है मुख्य जनहित याचिका ? मुंबई एयरपोर्ट के आसपास कई डेवलपर्स ने ऊंचाई की सीमा का पालन किए बिना ऊंची इमारतें बना ली हैं। इन इमारतों के कारण हादसों का खतरा पैदा हो गया है। अगर विमान के टेक-ऑफ और लैंडिंग के दौरान कोई दुर्भाग्यपूर्ण घटना होती है, तो जानमाल का भारी नुकसान हो सकता है, ऐसा वकील यशवंत शेनॉय का दावा है। इस याचिका पर सुनवाई मुख्य न्यायाधीश आलोक आराधे और न्यायाधीश संदीप मारणे की खंडपीठ के समक्ष चल रही है। - जिला मजिस्ट्रेट से कार्रवाई की उम्मीद हवाई अड्डे क्षेत्र में ऊंचाई के लिहाज से खतरनाक इमारतों का हर 15 दिन में निरीक्षण किया जाता है। 2010 के निरीक्षण में पाई गई 137 खतरनाक इमारतों में से 63 मामलों में अंतिम आदेश पारित किए गए हैं। इनमें से 9 मामलों में अपील दायर की गई है। जबकि 6 इमारतों ने नियमों का पालन किया है। हालांकि, मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (एमआईएएल) ने अदालत को सूचित किया था कि शेष 48 संरचनाओं को तुरंत ध्वस्त करने की आवश्यकता है उस समय सरकार ने बताया था कि मुंबई महानगरपालिका को भी इन इमारतों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है। हालांकि, कानून के अनुसार, हवाई यातायात में बाधा डालने वाली ऊंची इमारतों की ऊपरी मंजिलों पर कार्रवाई करने की उम्मीद जिला मजिस्ट्रेट से की जाती है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कहा था कि इसकी जिम्मेदारी मुंबई महानगरपालिका पर डालना गलत है। - नवी मुंबई के एयरपोर्ट क्षेत्र में भी ऊंची इमारतों का जाल मुंबई एयरपोर्ट क्षेत्र में ऊंचाई के नियमों का उल्लंघन कर सैकड़ों इमारतें बनाई गई हैं। याचिका में दावा किया गया है कि नवी मुंबई में प्रस्तावित एयरपोर्ट के मामले में भी इसकी शुरुआत हो चुकी है। नवी मुंबई एयरपोर्ट के आसपास जमीन की कीमतें आसमान छूने लगी हैं, इसलिए वहां बड़ी संख्या में ऊंची इमारतें बनने लगी हैं। सिडको ने इस संबंध में एक प्रेस विज्ञप्ति भी जारी की थी और इस क्षेत्र में इमारतों की ऊंचाई के नियमों में ढील देने के लिए प्रशासन को धन्यवाद दिया था। याचिकाकर्ता यशवंत शेनॉय ने नवी मुंबई एयरपोर्ट क्षेत्र में इमारतों की ऊंचाई की सीमा 55.1 मीटर से बढ़ाकर 160 मीटर करने के हाईकोर्ट के निर्देश को चुनौती दी थी। - अहमदाबाद दुर्घटना के पीछे की गंभीरता पर विचार करें एसआरए से संबंधित एक मामले की सुनवाई के दौरान बॉम्बे हाईकोर्ट ने बीते 12 जून को अहमदाबाद में हुए विमान हादसे के सबूत दिए। मुंबई एयरपोर्ट के पास कई झोपड़ियाँ हैं। अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान में डेढ़ लाख लीटर पेट्रोल था। इस घटना की गंभीरता को देखते हुए, यहाँ ऐसी दुर्घटना को रोकने के लिए क्या किया जा सकता है? न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी और न्यायमूर्ति अद्वैत सेठना की पीठ ने राज्य सरकार को इसकी जाँच करने का निर्देश दिया है। संजय/संतोष झा- ३० जून/२०२५/ईएमएस