30-Jun-2025
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नदियों का जल स्तर बढ़ने की स्थिति में नदियों के किनारे न जायें बारिश के मौसम में कम से कम यात्र करने का प्रयास करें हरिद्वार (ईएमएस)। आपदा सचिव के निर्देशानुसार व जिलाधिकारी एवं अध्यक्ष जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण मयूर दीक्षित के निर्देशन में जनपद में पांच स्थानों पर वर्षाकाल में बाढ़ एवं जल भराव की स्थिति में राहत एवं बचाव की तैयारियों को परखने के लिए मॉकड्रिल आयोजित की गई। जिलाधिकारी मायूर दीक्षित ने कहा कि मॉकड्रिल उपलब्ध संसाधनों के उपयोग, रेस्पोन्स टाईम तथा सभी प्रकार की तैयारियों को परखने का सशक्त माध्यम है, जिससे अपने मजबूत व कमजोर पक्ष को परखते हुए अपनी कमियों को दूर करते हैं। विष्णु घाट पर आयोजित मॉक अभ्यास में पुलिस कन्ट्रोल रूम को सूचना मिली कि गंगा नदी का जल स्तर बढ़ने के कारण 15-20 व्यक्तियों के नदी में फंसे बहने की सूचना मिली। राहत एवं बचाव कार्य हेतु स्टेजिंग एरिया ऋषिकुल मैदान को बनाया गया तथा रिलीफ सेंटर भल्ला इण्टर कॉलेज को बनाया गया। सूचना प्राप्त होते ही इन्सीडेंट कमाण्डर एवं जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने आईआरएस को एक्टिवेट करते हुए भीमगौड़ा बैराज से जल स्तर कण्ट्रोल करने तथा स्टेजिंग एरियां से जेसीबी, एम्बुलेंस, राफ्ट सहित जल पुलिस, पीएसी, होमगार्ड, पीआरडी, आपदा मित्रें, एसडीआरएफ आदि के 30 सदस्य दल को राहत एवं बचाव कार्य हेतु भेजा गया। टीम द्वारा विष्णु घाट में फंसे 300 श्र)ालुओं को राहत एवं बचाव टीम द्वारा सुरक्षित निकाला गया और 47 व्यक्तियों को भल्ला इण्टर कॉलेज में ठहराया गया। घाटना में 11 व्यक्ति घायल व 3 व्यक्तियों की मृत्यु होना दर्शाया गया। श्यामपुर कांगड़ी में आयोजित मॉक अभ्यास के अनुसार पुलिस कन्ट्रोल रूम को भारी वर्षा के कारण गंगा नदी का जल स्तर बढ़ने व कई घरों में पानी घुसने एवं बाढ़ के कारण 100 परिवार तथा 125 पशु प्रभावित होने की सूचना मिली। जिसके लिए स्टेजिंग एरिया ऋषिकुल मैदान को बनाया गया व रिलीफ सेंटर राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नौआबाद को बनाया गया। भीमगौड़ा बैराज से पानी नियं=ण करते हुए बड़ी गंगा में पानी छोड़ने के निर्देश दिये। स्टेजिंग एरियां से जेसीबी, एम्बुलेंस, राफ्ट सहित जल पुलिस, पीएसी, होमगार्ड, पीआरडी, आपदा मित्रें, एसडीआरएफ आदि के 30 सदस्य दल को राहत एवं बचाव कार्य हेतु भेजा गया व एनसीसी एवं एनएसएस के बच्चों को भी मॉक ड्रिल में शामिल किया गया। बाढ़ में फंसे 70 परिवारों को सुरक्षित निकाला गया तथा 67 पशुओं को बचाया गया, जिसमें 05 घायल पशुओं का उपचार पशुपालन विभाग द्वारा किया गया। हादसे में 7 व्यक्तियों की मृत्यु तथा 10 बड़े पशुओं की मृत्यु व 19 व्यक्तियों के घायल होने के साथ ही गंगा नदी में 3 व्यक्तियों के बहना बताया गया। इसके साथ ही ग्राम कलसिया तहसील लक्सर, ग्राम माडाबेला तहसील लक्सर, फतेहउल्लापुर्र ऊ तेलपुरा तहसील भगवानपुर में भी बाढ़ से सम्बन्धित मॉकड्रिल का आयोजन करते हुए तैयारियों को परखा गया। मॉकड्रिल की जिला आपदा प्रबन्धन परिचालन केन्द्र तथा राज्य आपदा प्रबन्धन परिचालन केन्द्र देहरादून द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मोनीटरिंग की गई तथा घटना स्थलो पर निगरानी हेतु बीएसएफ, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ तथा आईटीबीपी के कर्मियों को तैनात किया गया। जिलाधिकारी एवं अध्यक्ष जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण मयूर दीक्षित ने निर्देशित करते हुए कहा कि उपलब्ध सीमित संसाधनों के बेहतर उपयोग किया जाये, मौक अभ्यास में जो भी छोटी से छोटी कमियां सामने आई,उन्हें दूर किया जाये तथा आईआरएस सिस्टम से जुड़े सभी कार्मिक अपने-अपने कार्यों में दक्षता रखें ताकि वास्तविक आपदा के दौरान होने वाले नुकसान को न्यूनतम किया जा सके। जिलाधिकारी ने जनसामान्य से अपील करते हुए कहा कि नदियों का जल स्तर बढ़ने की स्थिति में नदियों के किनारे न जायें, वर्षाकाल में मौसम का पूर्वानुमान की जानकारी लेकर ही यात्रएं करें तथा बारिश के मौसम में कम से कम यात्र करने का प्रयास करें। जिलाधिकारी ने कहा कि किसी भी प्रकार की आपदा के समय राहत एवं बचाव कार्य हेतु शुरूआत का समय सबसे महत्वपूर्ण होता है। इसलिए नागरिक आपदाओं से बचाव एवं राहत के प्रति जितने त्यादा सजग होंगे आपदा से नुकसान की सम्भावना उतनी ही अधिक कम होगी। इस दौरान जिला आपातकालीन परिचालन केन्द्र में मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे, अपर जिलाधिकारी दीपेन्द्र सिंह नेगी, एससी पंकज गैरोला, परियोजना निदेशक केएन तिवारी, जिला विकस अधिकारी वेदप्रकाश, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ-आरके सिंह, जिला पूर्ति अधिकारी तेजबल सिंह, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी नलिनी ध्यानी, जिला आपदा प्रबन्धन अधिकारी मीरा रावत आदि उपस्थित थे, जबकि विभिन्न अधिकारी घटना स्थल, स्टेजिंग एरिया व राहत कैम्प में उपस्थित रहे। (फोटो-11) शैलेन्द्र नेगी/ईएमएस/30 जून 2025