-रिपोर्ट में खुलासा, ट्रंप प्रशासन की विदेशी सहायता में कटौती बनेगी वजह वाशिंगटन (ईएमएस)। लोग भूख से तड़प-तड़प कर मर जाएंगे। पूरी दुनिया देखती रहेगी, मगर कोई इस विनाशलीला को नहीं रोक पाएगा। इस विनाशलीला में करीब 1 करोड़ 40 लाख लोग काल के गाल में समा जाएंगे। इसकी वजह अमेरिका है। एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि अमेरिकी विदेशी सहायता में कटौती से 14 मिलियन से ज्यादा लोगों की मौत हो सकती है। मंगलवार को प्रकाशित एक अध्ययन से पता चला है कि ट्रंप प्रशासन की ओर से अमेरिकी विदेशी सहायता में की गई कटौती के कारण दुनिया के सबसे कमजोर लोगों में से 14 मिलियन से ज्यादा लोग यानी 1 करोड़ 40 लाख लोगों की मौत हो सकती है। इनमें सबसे ज्यादा मौतें बच्चों की होगी यानी मरने वालों में एक तिहाई छोटे बच्चे होंगे। रिपोर्ट में रिसर्च और स्टडी के सह-लेखक ने कहा कि कई निम्न और मध्यम आय वाले देशों के लिए परिणामी झटका वैश्विक महामारी या किसी बड़े सशस्त्र संघर्ष के पैमाने के बराबर होगा। रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि विदेशी सहायता में कटौती से स्वास्थ्य सेवाओं, पोषण कार्यक्रमों और अन्य महत्वपूर्ण सहायता पर निर्भर लाखों लोगों का जीवन खतरे में पड़ सकता है। इन कटौतियों का सबसे ज्यादा प्रभाव उन देशों पर पड़ेगा, जहां पहले से ही स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा की स्थिति नाजुक है। खास तौर पर छोटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं को कुपोषण और अपर्याप्त चिकित्सा देखभाल के कारण मृत्यु का सबसे ज्यादा जोखिम है। अध्ययन में अनुमान लगाया गया है कि सहायता में कमी से टीकाकरण, स्वच्छ जल और आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम प्रभावित होंगे। रिपोर्ट में बताया गया है कि विदेशी सहायता न केवल मानवीय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह वैश्विक स्थिरता के लिए भी जरुरी है। सहायता में कटौती से सामाजिक अस्थिरता और प्रवास बढ़ सकता है, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था और सुरक्षा को प्रभावित कर सकता है। हालांकि, ट्रंप प्रशासन ने अभी तक इस रिपोर्ट पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। यह अध्ययन वैश्विक समुदाय के लिए एक चेतावनी है कि विदेशी सहायता में कटौती के दीर्घकालिक परिणाम विनाशकारी हो सकते हैं। सिराज/ईएमएस 02 जुलाई 2025