क्षेत्रीय
02-Jul-2025


रायपुर(ईएमएस)। छत्तीसगढ़ में खरीफ सीजन की शुरुआत के साथ ही किसानों को बीज और खाद की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने राज्य और केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि किसानों को प्रोत्साहन योजना के नाम पर गुमराह किया जा रहा है ताकि वे धान की खेती न करें और सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर धान नहीं खरीदना पड़े। दीपक बैज ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जलवायु और भूमि धान की खेती के लिए सर्वाधिक अनुकूल है और किसानों को इससे सर्वाधिक लाभ होता है। लेकिन वर्तमान सरकार बीज और डीएपी खाद की उपलब्धता सुनिश्चित नहीं कर पा रही है। ऐसे में प्रोत्साहन राशि का लालच देकर किसानों को दलहन और तिलहन की ओर मोड़ा जा रहा है, जो एक तरह से किसानों के साथ धोखा है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश भर में किसान बुआई की प्रक्रिया शुरू कर चुके हैं, लेकिन अधिकांश समितियों में डीएपी खाद की भारी कमी बनी हुई है। कई जगहों पर बोनी और थरहा के लिए आवश्यक बीज भी उपलब्ध नहीं हैं। समय पर खाद और बीज नहीं मिलने से किसान असमंजस में हैं और परेशान हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार खाद के रेक की समुचित व्यवस्था नहीं कर सकी है, न ही वितरण और भंडारण को लेकर कोई ठोस कार्ययोजना दिखाई दे रही है। इससे साफ है कि सरकार किसानों को भरपूर उत्पादन लेने देना ही नहीं चाहती। दीपक बैज ने केंद्र की मोदी सरकार पर छत्तीसगढ़ के किसानों के साथ भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य द्वारा खाद की जो मांग केंद्र को भेजी गई थी, उसे नजरअंदाज कर दिया गया है। इसके बावजूद भाजपा के सांसद और राज्य सरकार केंद्र के इस व्यवहार पर मौन हैं। कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य में नकली बीज, नकली कीटनाशक और घटिया गुणवत्ता वाले नैनो यूरिया की आपूर्ति बढ़ रही है। किसान संगठनों का दावा है कि यह सब जानबूझकर किया जा रहा है ताकि सरकारी समितियों और निजी दुकानों में असली मांग के अनुसार आपूर्ति न हो और मिलावटखोरों व जमाखोरों को फायदा मिल सके। उन्होंने कहा कि किसान मजबूरी में कालाबाजार और बिचौलियों पर निर्भर हो रहे हैं, जिससे उनका शोषण हो रहा है। यह पूरी व्यवस्था किसानों के खिलाफ एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा है। सत्यप्रकाश(ईएमएस)02 जुलाई 2025