राज्य
06-Jul-2025
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- विश्वशांति, देशउत्थान, समाज कल्याण, खुशहाली, धर्मवृद्धि एवं प्राणी मात्र कल्याण के लिए सिद्ध भगवंतों की आराधना कर समर्पित किये जा रहें है विशेष अर्घ्य -आयोध्या नगर जैन मंदिर में विश्वशांति हेतु गुंजायमान हुआ जियो और जीने दो का नारा भोपाल(ईएमएस)। अयोध्या नगर में इन दिनों धर्म की गंगा बह रही है। भारत की संस्कृति में सर्वोत्तम बताये गए सिद्ध भगवंतों की पूजा अर्चना हेतु विशेष अनुष्ठान सिद्धचक्र महामंडल विधान एवं विश्वशांति महायज्ञ अयोध्या नगर जैन मंदिर में चल रहा है। आज जैन समाज द्वारा विशेष भक्तिमय अर्घ्य समर्पित किये। गौरतलब है कि अष्टानिका महापर्व में यह आठ दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान 3 से 10 जुलाई तक चलेगा। विश्वशांति, देशउत्थान, समाज खुशहाली, धर्मवृद्धि एवं प्राणी मात्र के कल्याण की भावना लिए आज सिद्ध भगवंतों को विशेष 64 ऋद्धियों के अर्घ्य समर्पित किये गए। इसके साथ साथ आयोध्या नगर जैन मंदिर में विश्वशांति हेतु जियो और जीने दो का नारा गुंजायमान हुआ। भारतीय संस्कृति में ऐसा माना जाता है कि अष्टानिका पर्व में किये गए पुण्य या पाप का फल कई गुना अधिक मिलता है। जैन समाज इस बात को ध्यान में रखते हुए अष्टानिका पर्व में विशेष पूजा अर्चना करता है। उक्त अनुक्रम में अयोध्या नगर जैन मंदिर में सिद्ध चक्र महामंडल विधान एवं विश्वशांति महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। विधान में शामिल श्रद्धालु उत्साह एवं भक्ति के साथ सिद्ध परमात्माओं को विशेष अर्घ्य एवं श्रीफल अर्पित कर रहें हैं। श्रद्धालु भक्ति के आनंद में सरोवर है एवं इस विशेष अवसर का अधिक से अधिक लाभ प्राप्त करने की भावना से ओत-प्रोत हैं। विधानचार्य वाणी भूषण पं. कमल हाथीशाह जी के निर्देशन में विधान सम्पन्न हो रहा है। अनिल-सुनीता जैन परिवार को सौधर्म इंद्र बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। डीएल जैन-कल्पना जैन मैनासुन्दरी-श्रीपाल राजा के रूप में मुख्यपात्र की भूमिका में हैं। इसके साथ ही अन्य मुख्य पात्र एवं इंद्र-इन्द्राणीयों के रूप में आठ दिवसीय भक्ति की गंगा में डुबकी लगा रहे हैं। आज मीडिया के विशेष कवरेज में पं. कमल हाथीशाह द्वारा निम्न प्रश्नों को स्पष्ट किया- ▪️जैनों में अष्टानिका पर्व क्या होते है? ▪️अष्टानिका पर्व में जैन समाज विशेष पूजा आराधना क्यों करते हैं? ▪️भगवान का स्वरूप क्या है एवं आम व्यक्ति भगवान कैसे बन सकता है? ▪️इस विधान से भारत देश को क्या क्या लाभ होते है एवं विश्वशांति में क्या भूमिका है? वहीं मंदिर समिति के अध्यक्ष मनोज जैन द्वारा आयोध्या नगर जैन मंदिर के बारे में बताया तथा आगामी योजनाओं के बारे में चर्चा करते हुए ऑनलाइन डोनेशन हेतु क्यू आर कोड से अवगत कराया। सौधर्म इंद्र परिवार तथा मैना सुन्दरी परिवार द्वारा अपने-अपने पात्र भूमिका एवं भगवान से विश्वशांति, देशउत्थान, समाज खुशहाली, धर्मवृद्धि एवं प्राणी मात्र के कल्याण की प्रार्थना की गयी। अन्य महत्वपूर्ण पात्रों एवं इंद्र इन्द्राणीयों द्वारा बताया गया कि विधान बहुत अच्छे से सम्पन्न हो रहा है । वर्तमान विश्व परिदृश्य में जहां एक ओर एक देश दूसरे देश पर आक्रमण कर मानव सभ्यता को नष्ट करने की होड़ में लगे हुए हैं। जैन धर्म के सिद्धांत यदि अपनाए जाएं तो विश्व में न सिर्फ शांति कायम होगी अपितु मानव सभ्यता भी फलीभूत हो विकसित होगी। अंशुल जैन/ 06 जुलाई, 2025