नई दिल्ली (ईएमएस)। बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर विवाद के बाद अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है। राजद सांसद डॉ। मनोज झा ने चुनाव आयोग के इस कसम को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। मनोज झा ने चुनाव आयोग के फैसले पर रोक लगाने की सुप्रीम कोर्ट से मांग की है। इससे पहले एसोसिएशन फ़ॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा भी चुनाव आयोग के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट मे चुनौती दे चुके है।इन याचिकाओं मे कहा गया है चुनाव आयोग का यह फैसला मनमाना है और इसके चलते बिहार के लाखों मतदाताओं का मतदान का अधिकार छीन लिया जाएगा। बिहार में इसी साल चुनाव होना है। बीते 24 जून को चुनाव आयोग ने बिहार में वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिविज़न की घोषणा की थी। आयोग के इस फैसले पर कई विपक्षी दल के नेता भी अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं इस मामले में चुनाव सुधारों पर नजर रखने वाली संस्था एडीआर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। संस्था का कहना है कि, चुनाव आयोग की यह नीति संविधान के खिलाफ है। इससे वो लोग जो गरीब हैं, जिनके पास दस्तावेज नहीं हैं, उन्हें वोट देने के अधिकार से वंचित किया जा सकता है। सुबोध\०६\०७\२०२५