नई दिल्ली (ईएमएस)। दिल्ली सरकार ने ऐतिहासिक कदम उठाते हुए 1,388 नर्सों और 41 पैरामेडिकल स्टाफ को स्थायी नौकरी दे दी है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ को नियुक्ति पत्र सौंपे। रेखा गुप्ता ने कहा कि वर्षों तक पिछली दिल्ली सरकारों ने राष्ट्रीय राजधानी के लोगों को कोई स्थायी नौकरी नहीं दी। यह एक ऐतिहासिक क्षण है, जब कई सालों के बाद 1,388 नर्सों को नियुक्ति पत्र दिए जा रहे हैं। दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने ‘आयुष्मान भारत योजना’ के लिए पंजीकरण वैन को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह एक ऐसी पहल है जो स्वास्थ्य सेवा को लोगों की चौखट तक पहुंचाएगी। ये वैन दिल्ली के हर नागरिक को आयुष्मान भारत कार्ड पंजीकरण की सुविधा देने और उन्हें देश की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सुरक्षा योजना से जोड़ने के मकसद से शुरू की गई है। स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा, “पहले की सरकारों ने सभी क्षेत्रों में उदासीनता दिखाई। स्वास्थ्य क्षेत्र पूरी तरह उपेक्षित रहा। इसी कारण दिल्ली के लोगों को भारी तकलीफों का सामना करना पड़ा।” उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत मिशन के तहत 1700 करोड़ रुपये दिल्ली सरकार को दिए थे। 2021 से लेकर फरवरी 2025 तक एक भी पैसा खर्च नहीं किया गया। नड्डा ने कहा कि अब रेखा गुप्ता के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी है, क्योंकि उन्हें 8 महीने के अंदर 1700 करोड़ रुपये दिल्ली में जनता के स्वास्थ्य पर खर्च करने हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “राजनीति में फैसले अपने-पराये के आधार पर नहीं होते, बल्कि इस पर होते हैं कि कौन आपके हितों की रक्षा कर सकता है।” वहीं, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पिछली सरकारों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “दिल्ली देश की राजधानी है, फिर भी पिछले 27 सालों में सरकारों के शासन में प्रति 1000 लोगों पर केवल 0.42 अस्पताल के बिस्तर उपलब्ध थे। दूसरे शब्दों में कहें तो दिल्ली की सरकार अपने नागरिकों के लिए एक बिस्तर भी पर्याप्त रूप से उपलब्ध नहीं करा सकी। 38 सरकारी अस्पतालों में सिर्फ 6 एमआरआई मशीनें और बारह सीटी स्कैन थे। दवाओं, मशीनरी, तकनीक, डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ की भारी कमी थी। मरीज आते थे, लेकिन उन्हें गेट पर ही लौटा दिया जाता था।” सुबोध\०६\०७\२०२५