कोलकाता (ईएमएस)। भारतीय फुटबॉल संध (एआईएफएफ) अध्यक्ष कल्याण चौबे ने विदेशों मे रहने वाले भारतीय मूल के खिलाड़ियों को देश की ओर से खेलने की अनुमति दिये जाने को एक सही कदम बताया है। चौबे ने कहा कि इससे भारतीय फुटबॉल टीम को लाभ होगा और उसे अच्छी प्रतिभाएं मिलेंगी। उन्होंने इसकी राह में आने वाली बाधाओं को भी दूर किये जाने की जरुरत बतायी है। गौरतलब है कि नई राष्ट्रीय खेल नीति को एक जुलाई को कैबिनेट की मंजूरी मिल गयी थी। इसके अब विदेशों में रहने वाले भारतीय मूल के खिलाड़ियों के पास देश से खेलने का अवसर हैं। वहीं अब तक केवल भारतीय पासपोर्ट रखने वाले खिलाड़ी ही देश का प्रतिनिधित्व कर सकते थे। चौबे ने कहा, ‘‘जब राष्ट्रीय टीम के प्रदर्शन की बात आती है तो खेल नीति में प्रवासी प्रतिभाओं तक अब हमारी पहुंच बनेगी। मुझे खुशी है कि नीति में इसका संदर्भ शामिल है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह सकारात्मक बयान है। एआईएफएफ फीफा और सरकार के साथ मिलकर राष्ट्रीय टीम को मजबूत करने के लिए हर संभव प्रयास करना जारी रखेगा।’’ उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय से विदेशों में रह रहे भारतीय मूल के लोगों को टीम से जोड़ने की मांग उठी है। साथ ही कहा कि मलेशिया, हांगकांग, सहित कई देशों ने अपनी टीमों में दोहरी नागरिकता वाले खिलाड़ियों को शामिल किया है। ’’ वहीं साल 2008 में प्रवासियों को देश का प्रतिनिधित्व करने से रोक दिया गया था जिससे देश केा मिलने वाली कई प्रतिभाएं उससे जुड़ नहीं पायीं। खेलो भारत नीति में कहा गया है कि खेल भारतीय प्रवासियों और देश के बीच संबंध बेहतर बनाने का जरिया बन सकता है। गिरजा/ईएमएस 07 जुलाई 2025